एक कथा के अनुसार जामवंत जी थे, हनुमानजी के मामा

जामवंतजी बहुत विद्वान थे। वेद-उपनिषद् उन्हें कण्ठस्थ थे। परशुरामजी और हनुमानजी के बाद जामवंत का तीनों युग में होने का वर्णन मिलता है। कहा जाता है वे आज भी जिंदा हैं। परशुरामजी और हनुमानजी से भी लंबी उम्र है उनकी। उनका जन्म सतयुग में राजा बलि के काल में हुआ था। जामवंत को ऋक्षपति कहा जाता है। ऋक्ष शब्द संस्कृत के अंतरिक्ष शब्द से निकला है। इस ऋक्ष शब्द का स्वरूप बोलचाल में थोड़ा बेढंग होकर रीछ हो गया। क्या जामवंत भालू-मानव थे? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए एक यूनानी कथा का सहारा लिया जा सकता है। उसके अनुसार सप्तर्षि तारामंडल को यूनान में बड़ा भालू (लार्जर बीयर) कहा जाता है। पुराणों के अनुसार जामवंत के पिता अग्नि व माता गंधर्व कन्या थीं। जब पिता अग्नि व माता गंधर्व कन्या थीं तो जामवंत भालू कैसे हो सकते हैं? पुराणों में वानर और मानवों की तुलना में अधिक विकसित रीछ जनजाति का उल्लेख मिलता है। वानर और पुरुष के बीच की यह जनजाति अधिक विकसित थी।

त्रेतायुग की इच्छा द्वापर में पूरी हुई-

राम- रावण युद्ध के बाद जामवंत ने श्रीराम से कहा युद्ध में उन्हें अपनी वीरता दिखाने का अवसर नहीं मिला। यह सुन राम मुस्करा दिए। वे समझ गए कि जामवंत को अहंकार हो गया है। उन्होंने जामवंत से कहा उनकी युद्ध की इच्छा तब पूर्ण होगी जब मैं अगला अवतार लूंगा। तब तक इसी स्थान पर तपस्या करें। द्वापर युग में श्रीकृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी का आरोप लगा। यह मणि जामवंत के पास थी। तब उस मणि को हासिल करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण को जामवंत से युद्ध करना पड़ा। युद्ध में जामवंत पराजित हुए। इससे उनकी त्रेता युग की युद्ध की इच्छा पूरी हुई और अहंकार भी चला गया। यह युद्ध आज के गुजरात में राजकोट-पोरबंदर मार्ग पर स्थित एक गुफा में हुआ था। इसे जामवंत गुफा कहा जाता है।

हनुमानजी के मामा थे जामवंत-

जामवंत ने जामथुन नाम की एक नगरी बसाई थी जो आज के मध्यप्रदेश के रतलाम शहर के उत्तर-पूर्व में थी। यहां एक गुफा मिली है, जिसे जामवंत गुफा कहा जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार उत्तरप्रदेश में बरेली के पास जामगढ़ स्थित गुफा को भी जामवंत की गुफा माना जाता है। जम्मू के पास पीरखोह जामवंत की तपस्या स्थली मानी जाती है। उनकी पत्नी का नाम जयवंती था। उन्होंने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह भगवान श्रीकृष्ण से किया था। माता अंजनी ने जामवंतजी को अपना बड़ा भाई माना था, इस रिश्ते से वे हनुमानजी के मामा हैं।