12 साल‌ के बच्चे ने कर दिया ‘महाभारत’ का ओड़िया भाषा में अनुवाद

पिछले दिनों कोरोना संकट के कारण पूरे देश में दो महीने से भी अधिक समय तक लॉकडाउन रहा। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आवश्यक काम से ही घरों से बाहर निकलने की छूट थी। इस कारण सभी लोग एक तरह से अपने घरों में कैद हो गए। खासकर कोरोना संकट को देखते हुए बच्चों के घरों से बाहर निकलने पर सख्त प्रतिबंध था। ऐसे में ज्यादातर बच्चों ने लॉकडाउन के दौरान अपना समय या तो टीवी देखते हुए काटा या फिर मोबाइल पर इंटरनेट चलाते हुए व गेम खेलते हुए। हालांकि कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस खाली समय का उपयोग कुछ नया करने या सीखने में लगाया।

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ओडिशा के रहने वाले उदय कुमार साहू उन बच्चों में से एक हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान कीमती समय बर्बाद करने की बजाय कुछ अलग करने में व्यतीत किया। लॉकडाउन के दौरान जहाँ ज्यादातर बच्चे टीवी और मोबाइल में लगे हुए थे। वहीं उस समय उदय हिंदू धर्म के प्रसिद्ध महाकाव्य ‘महाभारत’ का ओड़िया भाषा में अनुवाद कर रहे थे। उदय ने अकेले ही 240 पन्नों की ‘महाभारत’ का क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद किया है। उदय को हिंदी और ओड़िया दोनों ही भाषा का अच्छा ज्ञान है। इसलिए उन्होंने लॉकडाउन के दौरान समय बर्बाद ना करते हुए ‘महाभारत’ का ओड़िया भाषा में अनुवाद किया।

ख़ास बात यह है कि उदय की उम्र महज 12 साल है। वह ओडिशा के जाजपुर में श्री अरबिंद नोडल स्कूल की कक्षा-7 में पढ़ाई करते हैं। बड़चना ब्लॉक के अंतर्गत खरमांगी गांव में रहने वाले उदय के पिता का नाम चंद्रकांत साहू है और माता का नाम जयंती साहू है। परिजन उदय की इस उपलब्धि पर काफी खुश है। वहीं अन्य लोग भी उदय के इस काम की सराहना कर रहे हैं।

उदय के अलावा कई बच्चे हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान धार्मिक पुस्तकों को पढ़नें में अपना समय बिताया। कुछ बच्चों ने बड़े-बुजुर्गों से धार्मिक कहानी-किस्से सुने। कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान भोजन पकाने या हस्तकला में महारत हासिल की है।