वो एक भयावह रात थी, मुंबई शहर अपने शानदार और जिंदादिल ज़ज्बे से ठीक उसी तरह जगा हुआ था जैसा अक्सर होता है. इस शहर में कई घटनाएँ होती हैं, दुश्मन देश की बुरी नज़र यहाँ रहने वाले लोगों की खुशियों पर रहती है. लेकिन फिर भी ये दिन रात जागता है, काम करता है, और आगे बढ़ता रहता रहता है. लेकिन उस रात सचमुच इसकी रफ़्तार रुक गई थी. अपने नापाक इरादों के साथ दुश्मन देश ने हत्यारों की एक पूरी खेप भेज दी थी. और फिर उन्होंने मुंबई की सड़कों से लेकर होटलों और रेलवे स्टेशन तक जो तबाही मचाई उसमें कई लोगों की जान चली गई. कई मासूमों ने हमेशा के लिए अपनों को खो दिया था. मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले को आज 12 साल पूरे हो चुके हैं. लेकिन उस बड़ी घटना के दौरान जो लोग दुश्मनों का सामना करते हुए शहीद हुए हो गए थे, वो हमेशा अमर रहेंगे. उस हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को बृहस्पतिवार को श्रद्धांजलि दी गई. मुंबई पुलिस ने ट्वीट किया कि उनका बलिदान स्मृति और इतिहास से कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. आज हम 26/11 हमलों के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
Addressing the All India Presiding Officers Conference. https://t.co/vwPvZRWMff
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2020
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 26/11 के शहीदों को नमन किया. इसके साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भी पुलिस मुख्यालय में नवनिर्मित स्मारक पर श्रद्धांजलि दी. कुछ शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्यों ने भी स्मारक पर श्रधांजलि अर्पित की है. इस ख़ास आयोजन के दौरान राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृह मंत्री, शहीदों के परिजनों से मिले.
जानकारी के अनुसार इस बड़े हमले में साठ घंटे तक चली जवाबी कार्रवाई में कई लोग घायल भी हो गए थे. इस हमले में वरिष्ठ पालिक अधिकारी हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर और सहायक उप निरीक्षक तुकाराम ओम्ब्ले शहीद हो गए थे.