विशाल है सनातन धर्म, महान है इसका आधार. आस्था, परमपराएं, और ईश्वर पर परम विश्वास. यही हमारी महान जीवन शैली है. भगवान हमारे परम आराध्य हैं. हिंदू धर्म में भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है. इसका कारण यह है कि भगवान शिव का स्वभाव बहुत ही भोला है. उन्हें आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. दुनिया भर में श्रद्धालु भगवान शिव को समर्पित धार्मिक स्थलों पर जाकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. कैलाश मानसरोवर से लेकर अमरनाथ और बद्रीनाथ धाम तक हर जगह भगवान शिवजी का ही स्थान है.
भगवान भोलेनाथ के बारे में कहा जाता है कि, यदि वो प्रसन्न हो जाएँ तो कल्याण हो जाता है, और यदि रुष्ट हो जाएँ तो विनाशक बन जाते हैं. शंकरजी की पूजा और उपासना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. जिस तरह से भगवान शिवजी के ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जाती है, उसी तरह शिवजी के अलग अलग स्वरूपों को भी जगह जगह पूजा जाता है. भगवान भोलेनाथ के 19 स्वरूपों के बारे में ग्रंथों में भी वर्णन किया गया है. जिनके बारे में शायद ज्यादा लोग नहीं जानते. तो आइये आपको महादेव के उन स्वरूपों के नाम बताते हैं, जो इस प्रकार हैं-:
1. हनुमान स्वरूप,
2. ऋषि दुर्वासा स्वरूप,
3. नंदी स्वरूप,
4. वीरभद्र स्वरूप,
5. भैरव स्वरूप,
6. ब्रह्मचारी स्वरूप,
7. कृष्णदर्शन स्वरुप,
8. अश्वत्थामा स्वरूप,
9. गृहपति स्वरूप,
10. यक्ष स्वरूप,
11. यतिनाथ स्वरूप,
12. किरात सवू,
13. शरभावतार स्वरूप,
14. पिप्पलाद स्वरूप,
15. वृषभ स्वरूप,
16. सुरेश्वर स्वरूप,
17. अवधूत स्वरूप,
18. सुनटनर्तक स्वरूप,
19. भिक्षुवर्य स्वरूप
इस तरह इन 19 अलग अलग स्वरूपों में भगवान भोलेनाथ का अंश और उनके गुण भी दिखाई देते हैं. वैसे तो महादेव सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के कण कण में विधमान हैं, लेकिन फिर भी उनके ज्योतिर्लिंगों और महादेव के स्वरुप का भक्तों के हृदय में विशेष स्थान है.