लंदन की शान सबसे बड़े हिन्दू मंदिर के 25 वर्ष पूरे, भारत और ब्रिटेन के पीएम ने दी बधाई

लंदन के उत्तर पश्चिम इलाके नेसडेन में बने विश्वप्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर को 25 वर्ष पूरे हो गए हैं। 20 अगस्त 1995 को परम पावन परमपूज्य स्वामी महाराज ने मंदिर का उद्घाटन किया था। स्वामीनारायण मंदिर भारत के बाहर स्थित विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर ब्रिटेन में रहने वाले लाखों हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है। मंदिर के 25 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स ने बधाई संदेश भेजे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, ‘स्वामीनारायण मंदिर सामुदायिक सेवा में सबसे आगे रहा है। यह लोगों को एक साथ लाया है और उन्हें मानवता के काम करने के लिए प्रेरित किया है। जब मैं गुजरात का सीएम था, तब मुझे मंदिर जाने का सम्मान मिला था।‘

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि, ‘स्वामीनारायण मंदिर की 25वीं वर्षगांठ की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह मंदिर ब्रिटेन का गौरव है। यह हिंदू समुदाय द्वारा ब्रिटेन को दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार है।‘

ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स ने कहा कि, ‘भारत के बाहर अपनी तरह का पहला स्वामीनारायण मंदिर सिर्फ पूजा और उत्सव ही नहीं बल्कि शिक्षा, शांति और सामुदायिक सेवा के रूप में कार्य करता है।“

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स्वामीनारायण मंदिर को भगवान श्रीकृष्ण के सबसे सुंदर मंदिरों में गिना जाता है। कई लोग इसे दुनिया का आठवां अजूबा भी कहते हैं। उत्तम भारतीय डिजाइन और उत्कृष्ट कारीगरी में बने स्वामीनारायण मंदिर को ब्रिटेन का पहला प्रामाणिक हिंदू मंदिर बताया गया है। मंदिर को बनाने में बल्गेरियाई चूना-पत्थर और इतालवी संगमरमर का इस्तेमाल किया है। मंदिर में नक्काशी करने के लिए 1526 मूर्तिकारों को भारत से भेजा गया था। लंदन के इस भव्य मंदिर का डिजाइन वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया है। चंद्रकांत वही शख्स है जिन्होंने अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर का डिजाइन तैयार किया है।

लंदन में रहने वाले भारतीय रोजाना बड़ी संख्या में स्वामीनारायण मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर में स्थापित भगवान की प्रतिमा का रोजाना अलग-अलग तरह से श्रृंगार किया जाता है। यहां पर लगभग सभी हिंदू त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। भारत के मंदिरों की तरह ही यहां पर भी सुबह भगवान की आरती की जाती है। शाम के समय आरती करने के बाद मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।