सनातन धर्म में बहुत शुभ माना जाता है पुष्य नक्षत्र, कल 28 जनवरी को है पहली बार

सनातन धर्म की परम्पराएं और धार्मिक मूल्य अद्भुत हैं. ग्रह नक्षत्रों का लेखा जोखा, शुभ अशुभ समय का योग ये सब कुछ हमारे धर्म की विशेष पहचान है. इसीलिए जन्म से लेकर विवाह और किसी भी धार्मिक आयोजन में इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है. गृह प्रवेश और खरीददारी जैसे महत्वपूर्ण काम भी लोग ग्रह नक्षत्र के हिसाब से करते हैं. पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है. और इस साल का पहला गुरु पुष्य योग कल यानि 28 जनवरी को पूरे दिन रहेगाजो कि पूरे दिनरात रहेगा और 29 जनवरी को खत्म होगा। ये साल का पहला गुरु पुष्य योग है. गुरु पुष्य संयोग साल में 3 या 4 बार ही बनता है. इस साल 28 जनवरी के बाद ये संयोग 25 फरवरी को फिर से बनेगा. लेकिन दोपहर करीब 1.15 तक ही रहेगा. इसके बाद दीपावली के पहले 28 अक्टूबर को पूरे दिन, और उसके बाद गुरु पुष्य नक्षत्र का ये शुभ मुहूर्त 25 नवंबर के दिन आएगा, और सूर्योदय से सूर्यास्त तक ये शुभ संयोग बना रहेगा.

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ज्योतिषियों का मत है कि गुरु पुष्य संयोग होने से खरीदफरोख्त और पूजापाठ के लिए ये दिन शुभ और मंगलकारी रहेगा. इस दिन पौष महीने की पूर्णिमा भी रहेगी. इस पर्व पर तीर्थस्नान और दान करने से विशेष पुण्य और धर्म लाभ मिलेगा.

इसके अलावा भी इसी वर्ष यानि 2021 में तीन बार पुष्य नक्षत्र का योग और बन रहा है. धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरु पुष्य नक्षत्र के संयोग में खरीदारी करना शुभ तो होता ही है, साथ ही लंबे समय तक इसका फायदा मिलता हैऔर कल गुरुवार यानि 28 जनवरी को जो गुरु पुष्य योग बन रहा है, वो तो खरीदारी के लिए पूरा दिन शुभ रहेगा. ख़ास तौर पर पौष महीने की पूर्णिमा और पुष्य नक्षत्र का एक साथ होना ज्यादा शुभ माना गया है. क्योंकि चंद्रमा अपनी ही राशि यानी कर्क में रहेगाजिससे इस दिन की शुभता और बढ़ जाएगी. ऐसे शुभ योग में भूमिभवन और वाहन खरीदी के साथ ही नया कारोबार शुरू करना श्रेष्ठ होता है, और पूर्णिमा का व्रत रखने से आर्थिक संकट भी दूर होता है.