वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में मेन गेट या पानी की टंकी नहीं रखना चाहिए. क्योंकि दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज हैं. माना जाता है कि घर का मेन गेट व पानी की टंकी को पश्चिम या उत्तर दिशा में रखना शुभ होता है. नहीं तो घर के सदस्यों को आर्थिक व सेहत से जुड़ी समस्या से जूझना पड़ सकता है.
वास्तु शास्त्र में पंच तत्वों के लिए अलग-अलग जगह
वास्तु शास्त्र में पानी, अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी तत्व के लिए अलग-अलग दिशाओं का वर्णन किया गया है. इसलिए घर में जो भी चीज़े रखें उन्हें उस दिशाओं के अनुसार ही रखें. वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार पानी रखने की अनुकूल दिशा उत्तर है. जमीनी टेंक, पानी की टंकी या पीने के पानी को उत्तर दिशा में रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. इसके विपरीत दिशा में रखने से धन की हानि होती है और घर के सदस्य कई बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं.
दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए पानी
1. दक्षिण दिशा में पानी की टंकी होना शुभ नही माना जाता. इससे परिवार में अशांति रहती है. और साथ ही घर में नकारात्मक का माहौल बना रहता है.
2. दक्षिण पूर्व दिशा को अग्नि की दिशा माना जाता है. ऐसे में उस दिशा में पानी की टंकी होने से वास्तु दोष होने की संभावना बनी रहती है.
3. दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य कोण में भी पानी की टंकी का होना अशुभ माना जाता है. इस स्थान में पानी के होने से घर में कई परेशानियां बढ़ जाती है, कर्जा बढ़ने लगता है. ऐसे घर के लोग हमेशा से बोझिल बातें करते हैं, उनमें हमेशा हीन भावना रहती है. हर चीज़ में गलतियां निकालते रहते हैं. अर्थात् ऐसे व्यक्ति किसी भी विषय पर संतुष्ट नहीं रहते.