परम सौभाग्यशाली गजकेसरी योग में मनायी जायेगी अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती

परशुराम जयंती 14 मई को मनाई जाएगी और इसी दिन अक्षय तृतीया भी है. भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं भगवान परशुराम. इस दिन परशुराम भगवान का जन्म हुआ था और उन्होंने अपना नाम परशुराम रखा क्योंकि उन्होंने पृथ्वी पर सभी क्षत्रियों को मारने के लिए एक परशु (फरसा) का इस्तेमाल किया था. परशुराम का अर्थ है फरसे से मारने वाला.

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अक्षय तृतीया लक्ष्मीनारायण और गजकेसरी योग में मनाए जाएंगे. जानकारी के अनुसार तृतीया तिथि की शुरुआत शुक्रवार को सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाएगी और यही नहीं इस दिन रोहिणी नक्षत्र का योग भी बन रहा है. अर्थात 14 मई हर तरह से शुभ है.
अक्षय तृतीया 2021: जानें आपके शहर में मुहूर्त
• मुंबई – 6:04 AM to 12:35 PM on May 14
• बैंगलोर – 5:55 AM to 12:16 PM on May 14
• अहमदाबाद – 5:59 AM to 12:36 PM on May 14
• नोएडा – 5:38 AM to 12:17 PM on May 14
• पुणे – 6:01 AM to 12:31 PM on May 14
• नई दिल्ली – 5:38 AM to 12:18 PM on May 14
• चेन्नई – 5:44 AM to 12:05 PM on May 14
• जयपुर – 5:40 AM to 12:23 PM on May 14
• हैदराबाद – 5:44 AM to 12:12 PM on May 14
• गुडगांव – 5:38 AM to 12:18 PM on May 14
• चंडीगढ़ – 5:38 AM to 12:19 PM on May 14
• कोलकाता – 4:56 AM to 07:59 AM on May 14

मान्यता है कि इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग की शुरूआत होती है. ऐसे में इस दिन जो भी व्यक्ति दान पुण्य जैसे कार्य करता है उन्हें सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं. जानकारी के अनुसार इस दिन भगवान नर और नारायण ने भी अवतार लिया था.

परशुराम की व्यापक रूप से पूजा नहीं की जाती है, हालांकि भारतीय तट के पास कई मंदिर हैं जो परशुराम को समर्पित हैं. अक्षय तृतीया के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उत्सव मनाते हैं और पूजा करते हैं. हांलाकि, कोरोना के चलते इस वर्ष भक्त गंगा स्नान करने के लिए नहीं जा सकते. ऐसे में इस दिन सभी भक्त नहाते समय गंगाजल का इस्तेमाल करें, इससे सकारात्मक परिणाम अवश्य प्राप्त होगा. इस दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए. कहा जाता है कि यदि आप शुद्ध विश्वास के साथ दान करते हैं तो आप अधिक फल प्राप्त करते हैं.