शेखी बघारना पड़ा मँहगा, जीवन भर की योग्यता पर लग गया सवालिया निशान

इस आधुनिक दुनिया में हर व्यक्ति मॉडर्न बनने में लगा हुआ है. देखा जाए तो अच्छा है बुरा नहीं है. समय के साथ चलना हमेशा फायदेमंद होता है. पर किसी भी चीज़ का दिखावा करना सही बात नहीं. इस बात को ऐसे समझें कि आपके अंदर कोई योग्यता है जो दुसरे व्यक्ति से अधिक है. तो आपको उस योग्यता को किसी की मदद करने में इस्तेमाल करना चाहिए न कि किसी को नीचा दिखाने में.  आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं कि इंसान अगर अपनी योग्यता व्यर्थ इस्तेमाल करे तो क्या हो सकता है..

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कहानी रामकृष्ण परमहंस से जुड़ी है… जो भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे. इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया. वे अपने उपदेशों के चलते चर्चा में रहा करते थे. एक बार रामकृष्ण परमहंस से मिलने बहुत से लोग आए हुए थे. एक रोज वे किसी काम में व्यस्त थे. तभी उनके यहां एक संत का आना हुआ. संत दिखने में बहुत प्रभावशाली थे. संत, रामकृष्णजी के सामने आकर खड़े हो गए और पूछने लगे कि मुझे पहचाना नहीं. लेकिन परमहंस कुछ बोलते उससे पहले संत कहने लगे “मैं पानी पर चलकर आया हूं.” और बिना किसी के पूछने पर भी वे खुद की बढ़ाई करने लगे, कि मुझे सिद्धि प्राप्त है, जिस तरह लोग धरती पर चलते हैं मैं पानी पर भी चल सकता हूं, मुझे इस तरह के चमत्कार करते कई लोगों ने देखा है.

इतना सुनने के बाद रामकृष्ण परमहंस ने कहा, ‘आप बहुत बड़े व्यक्ति हैं और आपके पास सिद्धि भी है लेकिन, एक बात मैं आपसे पूछना चाहता हूं , कि इतनी बड़ी सिद्धि होने के बावजूद आपने इतना छोटा काम किया, यदि आपको नदी ही पार करनी थी तो नाव वाले को दो पैसे दे देते वह आपको बिना किसी परेशानी के नदी पार करा देता. और आपकी वजह से उस केवट को कुछ पैसे भी मिल जाते. ऐसे में आपने इतनी छोटी सी बात के लिए इतनी बड़ी सिद्धि का इस्तेमाल किया और तो और आप तो उसका प्रदर्शन कर रहे हैं जिसकी कोई ज़रूरत नहीं थी.
रामकृष्ण परमहंस की इन बातों को सुनकर संत शर्मिंदा हो गए.

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर आपके पास ऐसी कोई चीज़ है या कोई गुण हैं जिससे आप सामने वाले का कल्याण कर सकते हैं तो उसे सही जगह प्रयोग करना चाहिए, यदि उस गुण का प्रयोग किसी को अपमानित करने के लिए कर रहे हैं तो वह बहुत गलत बात है. जो काम आसानी से और बिना किसी दिखावे के हो उस कार्य की गरिमा हमेशा बनी रहती है.