आज 11 अक्टूबर है. आज से 78 साल पहले आज ही के दिन जन्म हुआ था एक ऐसी शख्सियत का, जो सड़के महानायक बन गए. पर सदी का महानायक बनना आसान नहीं होता. बहुत कलाकार होते हैं. अभिनेता होते हैं. लेकिन अमिताभ बच्चन एक ही बार होते हैं. आवाज़, अंदाज़ और प्रस्तुति ये तीनों उनके व्यक्तिव की पहचान हैं. और प्रस्तुति ऐसी कि, आते ही परदे पर छा जाने का हुनर उनमें आज भी है. उनके चाहने वालों ने उन्हें बार बार नए नए नाम दिए. एंग्री यंगमैन, शहंशाह, बिग बी और महानायक ऐसे कई नाम उनके होने का आभास कराते हैं. उनकी जिंदगी में आज जो मक़ाम उन्होंने हासिल किया है, वो आसान नहीं था. इसके पीछे उनका लम्बा संघर्ष और उतार चढ़ाव से भरी जिंदगी है. आज उनकी लम्बाई और आवाज़ उनकी बड़ी पहचान है, तो कभी उन्हें अपने इसी कद और आवाज के लिए कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. लेकिन सालों की मेहनत और कुछ कर गुजरने की उनकी लगन ने उन्हें देश का सबसे चहेता सुपरस्टार बना दिया.
पर्दे पर अलग-अलग किरदार को जीवंत बना देने वाले अमिताभ के असल जीवन की कहानी भी किसी सुपरहिट फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं है. उन्होंने जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे. कई रिजेक्शन के बाद अमिताभ को के ए अब्बास की फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से पहला ब्रेक मिला. कभी करियर की शुरुआत में 12 फ्लॉप फिल्मों के कारण आलोचना का शिकार हुए, तो कभी सेहत ने चैलेंज किया, तो कभी दिवालिया भी घोषित हो गए. नामुमकिन को मुमकिन बना देना उनकी खासियत रही. अपनी व्यक्तिगत जिंदगी में भी वो बहुत सुलझे हुए इंसान हैं. और आलोचनाओं के बावजूद कभी उनकी प्रतिक्रिया सामने नहीं आती, वो खामोशी से अपना काम करते हुए चले जाते हैं.
हिन्दी फिल्मों के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का स्टारडम इतना बड़ा था, कि उसे हिला पाना किसी के वश की बात नहीं थी. बस उन्हीं दिनों एक दुबला पतला और लम्बा सा लड़का फिल्मों में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था. लगातार कई फ्लॉप फिल्मों के बाद, उनके हिस्से में एक ऐसी फिल्म आई, जिसे उस दौर के बड़े बड़े सुपरस्टार ठुकरा चुके थे. और वो फिल्म थी ज़ंजीर, बस फ़िर क्या इस फिल्म के बाद तो अमिताभ बच्चन जैसे हिन्दी फिल्मों की पहचान बन गए. शोले, दीवार, त्रिशूल, डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, कभी कभी, सिलसिला जैसी जाने कितनी फ़िल्में देकर उन्होंने राजेश खन्ना को कब बहुत पीछे छोड़ दिया, ये पता ही नहीं चला. कभी उनके जीवन में कुली फिल्म जैसा हादसा हुआ, जिससे उन्हने दूसरा जीवन मिला, तो कभी अपनी ही बनाई कंपनी के डूबने की वजह से सड़क पर आ गए. उसके बाद कौन बनेगा करोडपति के ज़रिये टेलीविज़न को एक नई पहचान दी. और स्वच्छता अभियान, पल्स पोलियो, टीबी के खिलाफ लड़ाई के ज़रिये देश के लिए अपनी ज़िम्मेदारी निभाते गये. पर लोगों की अपेक्षाओं पे खरा उतरना किसी के वश की बात नहीं होती. इसलिए उनकी आलोचना करने वाले भी अपना काम करते रहते हैं. और अमिताभ बच्चन आज भी 78 साल की उम्र में अपना काम करते चले जा रहे हैं. आज उनके जन्म दिवस पर उन्हें हार्दिक शुभकामनायें.