बीते दिनों लॉकडाउन के दौरान टीवी पर रामानंद सागर के मशहूर धारावाहिक ‘रामायण’ का एक बार फिर से प्रसारण किया गया। इस बार भी ‘रामायण’ को लोगों ने उतना ही प्यार दिया जितना पिछली बार दिया था। 16 अप्रैल को प्रसारित हुए एपिसोड को दुनियाभर में 7 करोड़ से अधिक लोगों ने देखा। ‘रामायण’ के साथ-साथ इसमें काम करने वाले हर किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया। हालांकि ‘रामायण’ में एक किरदार ऐसा भी है, जिसे निभाया तो किसी ओर ने था, लेकिन 15 सालों तक दूसरा शख्स उस किरदार को निभाने का दावा करता रहा।ImageSource
पिछले 15 सालों से ‘रामायण’ में रावण की पत्नी मंदोदरी का किरदार निभाने के लिए प्रभा मिश्रा को याद किया जाता रहा। मीडिया में भी मंदोदरी का किरदार निभाने वाली महिला की पहचान प्रभा मिश्रा के तौर पर ही होती आई थी। हालांकि अब खुलासा हुआ है कि ‘रामायण’ में रावण की पत्नी मंदोदरी का किरदार प्रभा मिश्रा ने नहीं बल्कि महान अभिनेता भारत भूषण की बेटी अपराजिता भूषण ने निभाया था। अपराजिता इन दिनों अपने परिवार के साथ पुणे में रहती हैं और लेखिका व मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में काम करती हैं।
दरअसल जनवरी में अपराजिता को किसी ने बताया कि पिछले 15 सालों से प्रभा रामानंद सागर की ‘रामायण’ में मंदोदरी का किरदार निभाने का दावा करती आ रही है। अपराजिता को जब इस बारे में पता चला तो वह स्तब्ध रह गई। उन्होंने तुरंत प्रभा का नंबर पता कर उन्हें फ़ोन लगाया। शुरुआत में प्रभा ने अपराजिता को अजीब तर्क दिए, लेकिन बाद में अपनी गलती मानते हुए अपराजिता से माफ़ी मांगी। इस पर अपराजिता ने प्रभा मिश्रा से कहा कि आप मुझे मेरी पहचान लौटाए और 15 सालों में जितने भी इंटरव्यू आपने दिए हैं उन्हें डिलीट करवाए। साथ ही मुझे ईमेल करके लिखें कि, “मैं असली मंदोदरी नहीं हूं, यह भूमिका अपराजिता भूषण ने की थी।“
प्रभा ने शुरुआत में अपराजिता की मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। इस बीच लॉकडाउन के दौरान जब सरकार ने दोबारा टीवी पर ‘रामायण’ दिखाने का फैसला लिया तो अपराजिता ने एक बार फिर प्रभा से बात की और कहा कि आप मुझे एक ईमेल भेजकर अपनी सफाई दें। इसके बाद प्रभा ने अपराजिता को ईमेल भेजा कि, “मैं असली मंदोदरी नहीं हूं, यह भूमिका अपराजिता भूषण ने की थी।“ तब जाकर लोगों को पता चला कि ‘रामायण’ में मंदोदरी का किरदार प्रभा मिश्रा ने नहीं बल्कि अपराजिता भूषण ने निभाया था।
असली ‘मंदोदरी’ के तौर पर अपनी पहचान वापस मिलने से अपराजिता बहुत खुश हैं। अपराजिता का कहना है कि मेरे पिता ने हमेशा रामायण और श्रीमदभगवतगीता के रास्ते पर चलने की सीख दी। मेरा मानना है कि अगर कुछ भी गलत और धर्म के विरूद्ध हो रहा है तो उसको नष्ट किया जाना चाहिए।