श्री नारद पुराण-कैसे प्रकट हुए त्रिदेव
नारद जी ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं और ब्रह्मा जी के कंठ से इनकी उत्पत्ति मानी जाती है। नारद जी […]
Learn more →नारद जी ब्रह्मा के मानस पुत्र हैं और ब्रह्मा जी के कंठ से इनकी उत्पत्ति मानी जाती है। नारद जी […]
Learn more →श्रीमद्भागवत पुराण को सनातन वांग्मय (साहित्य) का मुकुटमणि माना जाता है। यह सनातन धर्म का सबसे अधिक प्रचलित और सर्वमान्य […]
Learn more →वायु पुराण में भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की पूजा का सामान वर्णन है फिर भी कुछ विद्वान इसे […]
Learn more →वेदव्यास जी द्वारा रचित अठारह पुराणों में पद्म पुराण आकार और श्लोकों की संख्या के आधार पर दूसरे स्थान पर […]
Learn more →अट्ठारह पुराणों में बहुत ही प्राचीन और बहुत ही महत्वपूर्ण पुराण है विष्णु पुराण। यह पुराण ऋषि पराशर द्वारा प्रकट […]
Learn more →वैदिक साहित्य में जिस प्रकार वेदों को अपौरुषेय अर्थात दैवीय रचना (जिसकी रचना या निर्माण सांसारिक मानुष्य नहीं कर सकते) […]
Learn more →वेदों को शुद्धता से पढ़ने, बोलने और समझने के लिए वेदों के छह अङ्गों का निर्धारण किया गया है जिन्हें […]
Learn more →पिछले लेख में वेदांग के छह शास्त्रों में से एक ‘शिक्षा’ का विस्तृत वर्णन था आगे के अङ्गों का वर्णन […]
Learn more →सनातन धर्म और सृष्टि के आधार स्तंभ ‘चतुर्वेद’ का चौथा स्तंभ है अथर्ववेद। इस वेद का एक नाम ‘ब्रह्मवेद’ भी […]
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