प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रहेगा श्रीराम मंदिर

राम मंदिर के भूमि पूजन की ऐतिहासिक तारीख बस आने ही वाली है. कई सालों के इंतजार के बाद रामभक्तों का वो सपना साकार होने जा रहा, जिसके लिए उन्होंने लम्बी लड़ाई लड़ी. भूमिपूजन के बाद राम मंदिर का निर्माण तेज गति से शुरू हो जाएगा. मंदिर को विशाल और भव्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. सिर्फ इतना ही भविष्य में घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से मंदिर की रक्षा करने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है, इसलिए गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया जा रहा है. बड़ी से बड़ी आपदा जैसे भूंकप, बाढ़, तूफान इत्यादि भी मंदिर की सुरक्षा को नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे. स्वयं की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम होगा, ये अद्भुत राम मंदिर. ImageSource

अयोध्या के राम मंदिर को 8 से 10 तीव्रता वाला भूंकप भी हिला नहीं पाएगा. जानकारी अनुसार वास्तुकार आशीष सोमपुरा ने बताया कि, राम मंदिर को सोमनाथ मंदिर की ही तरह काफी मजबूत बनाया जाएगा.

वास्तुकार आशीष का ये भी कहना है कि, एक नजर में देखने पर यह देश का सबसे भव्य और मजबूत मंदिर होगा, जिसके लिए 200 फीट की खुदाई कर मिट्टी की जांच की गई है. और मंदिर निर्माण के लिए उपयोग किये जा रहे पत्थरों को राजस्थान के बंशीपुर पहाड़ क्षेत्र से लाया गया है. मंदिर का रंग बदलने और पानी रिसाव जैसी दिक्कतों को कैमिकल कोडिंग के माध्यम से किया जाएगा. उनके अनुसार, राम मंदिर में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु एक बार में रामलला के दर्शन कर पाएंगे. ImageSource

इस मंदिर के निर्माण के लिए सरकार भी किसी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहती, जानकारी के अनुस्सर देश विदेश के कई श्रधालुओं ने मंदिर निर्माण के लिए दान किया है. भविष्य में सरकार अयोध्या को भी पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करना चाहती है, जिसकी रूप रेखा अभी से तैयार कर ले ली गई है.