जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने चारधामों में से एक धाम को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने का मन बनाया है. और माना जा रहा है कि इसे बनाने में लगभग 481 करोड़ का खर्च आएगा. और उम्मीद जताई जा रही हैं कि 2025 तक यह स्मार्ट सिटी बनकर तैयार हो जाएगी.
ख़बर ऐसी भी है कि अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो अन्य धामों को भी इसी तर्ज पर स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि इसे पर्यटक स्थल के बजाय आध्यात्मिक केंद्र बनाया जाए. मास्टर प्लान के अनुसार 85 हेक्टेयर क्षेत्र में बद्रीनाथ धाम को विकसित किया जाना है.
इतने बड़े क्षेत्र में म्यूजियमस आर्ट गैलरी, लाईब्रेरी व पार्किंग की सुविधा होगी. वहीं धाम के धर्माधिकारी भुवनचंद उनियाल का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर बातचीच चल रही है. इस विषय पर पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले अपनी बात सरकार के समक्ष रखी है.
बद्रीनाथ के मास्टर प्लान को लेकर पीएम मोदी के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह शामिल थे.
12 महीने चलेगा निर्माण कार्य
जानकारी के अनुसार शीत ऋतु में जब बद्रीनाथ धाम को भक्तो के लिए बंद किया जाता है, उसी समय निर्माण कार्य शुरु हो सकता है. और पूरे 12 महीने निर्माण कार्य चलता रहेगा. ऋषिकेश, कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर भी काम चल रहा है.
शंकराचार्यजी की समाधि स्थल, सरस्वती घाट, दो ध्यान गुफाओं का काम पूरा होने वाला है. जानकारी है कि वहां ब्रह्म कमल की नर्सरी बनाई जा रही है.
बद्रीनाथ धाम की ये चीज़ें बनेंगी आर्कषक का केंद्र…
1.मिनी स्मार्ट सिटी को पौराणिक और आध्यात्मिक चीज़ों से जोड़ा जाएगा ताकि भक्तों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो.
2. शीशनेत्रा झील व बद्रिश झील का भी विकास किया जाएगा. साथ ही इन से जुड़े तालाबों को भी सवच्छ किया जाएगा.
3.सरस्वती और अलकनंदा के संगम स्थल केशव प्रयाग, व्यास गुफा, गणेश गुफा, का भी विकास किया जाएगा.