बर्बरीक महाभारत एक ऐसा युद्ध था, कहते हैं, जिसमें धरती पर आबादी का एक बड़ा हिस्सा समाप्त हो गया था. और वीरों का तो अकाल पड़ गया था. उस युद्ध के बाद सालों साल तक धरती पर वीर समाप्त हो गए थे. पर इस युद्ध में एक ऐसा योद्धा भी हिस्सा लेना चाहता था, जिसके बारे में कहा जाता था कि, वो केवल एक तीन बाणों में पूरा युद्ध समाप्त कर सकता था, और उसका नाम था बर्बरीक. जो भीम का पौत्र और भीम के पुत्र घटोत्कच का बेटा था. पर भगवान् श्रीकृष्ण ये बात समझ गये थे, और समय रहते उन्होंने अपनी माया से बर्बरीक को रोक लिया, और उसका सिर दान में मांग लिया. लेकिन ऐसे बहुत सारे योद्धा थे जो बर्बरीक से भी ज्यादा ताकतवर थे जिनका वर्णन इस प्रकार है-
1. भगवान कृष्ण सर्वशक्तिमान और स्वयं नारायण का स्वरूप होते हुए सदैव बर्बरीक क्या, हर योद्धा से ज्यादा ताकतवर थे, उनके जैसा कोई नहीं हो सकता था.
2. अर्जुन के बारे में कहा जाता है कि वो देव पुत्र थे, और नर ऋषि के अवतार थे. तो वहीँ बर्बरीक एक राक्षस पुत्र था. इसलिए बर्बरीक से ज्यादा ताकत अर्जुन में थी. बर्बरीक के पास केवल तीन बाण ही थे लेकिन अर्जुन के पास देवताओं के दिव्य अस्त्र भी थे. अर्जुन को बर्बरीक के उन तीन बाणों के बारे में तथा उनके तोड़ के बारे में अवश्य पता होगा लेकिन बर्बरीक के पास अर्जुन के बाणों का जवाब हो ये मुमकिन नहीं था.
3. भीष्म पितामह- भीष्म पितामह को हराना किसी के वश की बात नहीं थी. और वैसे भी उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था. तो बर्बरीक युद्ध में पूरी ताकत भी लगा देते तो केवल उन्हें घायल ही कर सकते थे. और वो बर्बरीक से अनुभव, ताकत, युद्ध कौशल व शस्त्रो में श्रेष्ठ थे.
4. बलराम- भगवान बलराम तो स्वयं शेषावतार थे. उनकी तुलना किसी से नहीं हो सकती. वो नारायण के समक्ष ही रहते थे. और सर्वशक्तिमान योद्धा थे.
5. अश्वत्थामा- वैसे तो अश्वत्थामा ने अधर्म का साथ दिया था. लेकिन फिर भी वो बहुत ताकतवर था. उसके पास नारायणास्त्र तथा ब्रह्मशीर दोनों ही अस्त्र थे अगर वह इनमें से एक का भी उपयोग करता तो बर्बरीक का बचना नामुमकिन था क्योंकि इन शस्त्रों मुकाबला दुनिया का कोई भी अस्त्र नहीं कर सकता था.
इसके अलावा भी महाभारत में कुछ ऐसे योद्धा थे. जो बर्बरीक से ज्यादा ताकतवर थे.