दुनियां अब ग्लोबल हो चुकी है. सभी देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. हर देश की अपनी एक भाषा होती है. जैसे भारत की मातृभाषा हिन्दी है. भले ही यहाँ कई भाषाएं हैं. बोलियाँ हैं, लेकिन भारत की बड़ी पहचान हिन्दी से ही होती है. भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कई बार दुनियाभर में अपना भाषण हिन्दी में प्रस्तुत किया है. पूरी दुनिया के लोग हिन्दी से रुबरू हो रहे हैं. आखिर इस भाषण में इतनी मिठास, अपनापन, और इसकी अपनी कई खूबियाँ जो हैं.
हिन्दी के बारे में कई बातें बहुत कमाल की हैं. अलग अलग सन्दर्भ में इसके अलग अलग मायने हैं. जैसे अंग्रेजी में एक शब्द है, लेग (Leg) जिसका मतलब होता है टांग या पैर. लेकिन सिर्फ यही इसका हिन्दी मतलब नहीं हैं बल्कि इसी शब्द के अलग अलग जगह अलग मायने हैं. जैसे: अगर किसी के पैर छूना है, तो इसका मतलब होगा ‘चरण’ अगर किसी के मामले में अड़ाना है तो ‘टांग’ अगर कहीं धंस जाए तो ‘पैर’ और फिसल जाए तो ‘पाँव’ और यदि आगे बढ़ाना हो तो ‘कदम’ और रात में चिन्ह छोड़े तो ‘पद’ अगर ये पैर ईश्वर के हों तो ‘पाद’ और अगर पिता अपने पुत्र को गुस्से में मारे तो ‘लात’ और अगर यही गधे के पैर हों तो ‘दुलत्ती’ यदि किसी ने पैरों में घुँघरू बांधे हों तो ‘पग’ और इन्हीं पैरों से अगर खेलना हो तो ‘लंगड़ी’.. तो हैं ना कमाल, जो सिर्फ हिन्दी में ही मुमकिन है.
केवल इतना ही नहीं और भी ऐसे बहुत सारे शब्द हैं, जिनकी मिठास की वजह से हिन्दी का कोई मुकाबला नहीं. आज पूरी दुनिया के लोग हिन्दी सीखना चाहते हैं, और सीख भी रहे हैं. और कई देशों में हिन्दी भाषा बोली जाती है. तो हमारा भी दायित्व है कि, हम हिन्दी को सम्मान दें. और इसे बोलने और सीखने के लिए लोगों को प्रेरित करें.