भगवान भोलेनाथ के बारे में कहा जाता है कि, यदि वो प्रसन्न हो जाएँ तो कल्याण हो जाता है, और यदि रुष्ट हो जाएँ तो विनाशक बन जाते हैं. श्रावण का महीना भोलेनाथ को समर्पित माह होता है, इस माह में शंकरजी की पूजा और उपासना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. लेकिन उनकी उपासना बहुत ही ध्यानपूर्वक की जाती है, लोग श्रावण माह के सोमवार का व्रत रखते हैं, और पूरे महीने में नियमित रूप से उनका जलाभिषेक करते हैं. लेकिन घर में शंकरजी की पूजा के कुछ नियम हैं, अगर उन्हें अपनाया जाए, तो भगवान भोलेनाथ की कृपा दृष्टी हमेशा बनी रहती है. पूजा के इन नियमों के अनुसार, शिवजी के सामने रोज दीपक अवश्य जलना चाहिए.
नियमित रूप से भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से घर में सुख शांति रहती है| और घर में शिवजी के परिवार वाली तस्वीर रखनी चाहिए, इससे पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि रहती है| मान्यता के अनुसार घर में रखे शिवलिंग का आकार बहुत छोटा होना चाहिए|
और सबसे महत्वपूर्ण बात, शिवजी के क्रोधित स्वरुप की तस्वीर घर में नहीं रखना चाहिए, बल्कि तस्वीर ऐसी हो जिसमे वो प्रसन्न मुद्रा में दिखाई दे रहे हों, और अपने वाहन नंदी पर सवार हों, जिस तस्वीर में शिवजी तांडव कर रहे हों, वो तो घर में कभी नहीं रखना चाहिए. और तस्वीर को उत्तर दिशा में स्थापित करना चाहिए, और हो सके तो प्रत्येक सोमवार के दिन पास के किसी शिव मंदिर में जाकर जलाभिषेक करना चाहिए, हालांकि अभी कोरोना महामरी के चलते देश में काफी स्थानों के मंदिरों में जाने की अनुमति नहीं है, ऐसे में घर में रहकर भी शिवजी की आराधना की जा सकती है.
इस तरह के कुछ नियम बनाकर यदि सच्चे मन से शिवजी की उपासना की जाए, तो घर परिवार में तो शांति रहती ही है, इसके अलावा जीवन में भी कामयाबी मिलती है.