समय की गति को भी धीमा करने में सक्षम हैं भगवान हनुमानजी, ब्रह्मा जी से मिला था वरदान

जो भी सच्चे ह्रदय से हनुमान जी का नाम जपता है, उसके सभी संकट और परेशानियाँ समाप्त हो जातीं हैं. इसीलिये हनुमानजी को संकटमोचक कहा जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षसों को मारने और संसार में बढ़ते हुए अधर्म को मिटाने के लिए साक्षात भगवान शिव ने अपने अंश से हनुमानजी  का अवतार लिया था, और उन्हें भगवान राम का सबसे बड़ा भक्त कहा जाता है. भगवान श्रीराम स्वयं नारायण के अवतार हैं. और भगवान विष्णु और शिवजी दोनों एक एक दूसरे के भक्त माने जाते हैं. इसलिए हनुमानजी के अवतार में उन्होंने प्रभु श्रीराम के सेवक और भक्त के रूप में हमेशा उनका साथ दिया. हनुमानजी के कई नाम है. उन्हें पवन पुत्र, अंजनी पुत्र, वायुपुत्र, बजरंगवली और संकटमोचक भी कहा जाता है.

ImageSource

हनुमानजी साक्षात ईश्वर के साथ साथ देवों का आशीर्वाद भी प्राप्त था, जिसे वरदान भी कहा जाता है.

सूर्यदेव को हनुमानजी का गुरु माना जाता है. उन्होंने हनुमानजी को शास्त्रों का ज्ञान दिया था.

यमराज ने उन्हें हमेशा बीमारी से मुक्त होने के लिए आशीर्वाद दिया. कुबेर ने उन्हें किसी भी लड़ाई में किसी से भी पराजित नहीं होने का आशीर्वाद दिया था.

इंद्र देव ने हनुमानजी को अमर होने का आशीर्वाद दिया था.

भगवान ब्रह्मा ने उन्हें स्वरुप सूक्ष्म और बड़ा करने और किसी को भी छिपाने का आशीर्वाद दिया था. और कहीं भी पहुँचने में सक्षम और गति को धीमी और तेज़ करने का आशीर्वाद भी उन्हें ब्रह्माजी से प्राप्त हुआ था.

हनुमानजी की आराधना करके मनुष्य अपने कष्टों से निवारण तो पाता ही है, इसके अलावा उसके जीवन में उसे आगे आने वाली मुश्किलों से भी बाहर निकलने का मार्ग मिल जाता है.