महाराज दशरथ के आकस्मिक निधन पर और उनके चारों पुत्रों में से किसी एक के भी अयोध्या में ना होने के कारण दशरथ जी के शरीर को एक नाव में औषधि युक्त तेल में डूबा कर रखा जाता है जिससे शरीर नष्ट ना हो। औषधि विज्ञान का ये एक बहुत बड़ा उदाहरण है। हमारी सनातन व्यवस्थाएं और सनातन परंपराएं युगों युगों से बहुत ही एडवांस और उपयोगी रही हैं।
रामायण सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि समाजशास्त्र, नीतिशास्त्र जैसे कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक शास्त्रों का एक बहुत बड़ा स्रोत है।ननिहाल से भरत शत्रुघ्न के वापस आने पर कैकेयी उन्हें सारा वृत्तांत बताती हैं और कहती हैं कि मैंने तुम्हारे लिए अयोध्या का राज सिंहासन सुरक्षित करवा लिया।
इस पर भरत की प्रतिक्रिया संसार के हर इंसान को बड़ी गंभीरता से देखनी जाननी और समझनी चाहिए –सिंहासन का लोभ भरत के भाई प्रेम और पारिवारिक संस्कार पर बिलकुल भी भारी नहीं पड़ सका। उन्होंने माता का त्याग कर दिया। कौशल्या का चरित्र एक आदर्श माता, आदर्श पत्नी और आदर्श सखी का प्रमाण स्थापित करता है।
जय श्रीराम 🙏
Gepostet von Arun Govil am Donnerstag, 7. Mai 2020
जिस भरत के नाम पर राम को दिया गया राज सिंहासन वापस ले लिया गया, जिस भरत की जननी ने राम को वनवास दे दिया। उसी भरत को कौशल्या माता अपने पुत्र राम की ही भांति हृदय से लगाती हैं स्नेह लुटाती हैं और धैर्य रखने का आशीर्वाद देती हैं। भारतीय नारी का यह आदर्श चरित्र संसार की हर नारी के लिए अनुकरणीय है।
पिता दशरथ और बड़े भाई राम द्वारा दिया गया राज्य, गुरु वशिष्ठ और मंत्री सुमंत्र के कहने पर भी भरत जी ने स्वीकार नहीं किया। यहीं पर भरत जी प्रजा से एक संवाद करते हैं जिसमें वो समझाते हैं कि अगर कुछ दिनों पहले संपूर्ण जनमत से राज्य राम जी को दिया गया था तो मात्र राजा या रानी के कहने पर किसी और को राज्य देना आप सभी प्रजा को स्वीकार नहीं होना चाहिए। देश का राजा उसी को होना चाहिए जो जनमत से चुना गया हो और जनमत से आप सब ने राम को चुना है।
मेरे पिता दशरथ या माता कैकेयी के कहने से आप मुझे राजा क्यों मान रहे हैं। वंश या परिवार के प्रभाव से थोपा गया राजा किसी देश का भला नहीं कर सकता। और इसके बाद राजवंश का राजमुकुट और राजतिलक की सारी सामग्री लेकर भरत चल पड़े चित्रकूट। ये है भरत का त्याग।
रामायण का हर प्रसंग प्रेरणादायक है शिक्षाप्रद है परंतु यह प्रसंग जन सामान्य के साथ-साथ राजनीति और सत्ता से जुड़े हर व्यक्ति को अवश्य देखना चाहिए।