आज 15 अगस्त है. इस देश का सबसे बड़ा जश्न. हर त्यौहार से बड़ा त्यौहार. देश की आज़ादी के लिए जान देने वाले महान लोगों के नाम है ये दिन, जिनकी वजह से आज हम खुली हवा में साँस ले पा रहे हैं.
हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री, जो आज़ादी से पहले ही अपने अस्तित्व में आ चुकी थी. और उस दौर में फिल्मों में काम करने वाले सभी लोगों ने भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष देखा था. इसीलिए फिल्मों में हमेशा देश भक्ति का ज़ज्बा कायम रहा. उस समय फिल्मों के गाने लोगों के बीच देशभक्ति का जूनून होते थे. आजादी के पहले सन 1943 में एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था ‘किस्मत’ इस फिल्म का गाना ‘दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है’ लोगों के बीच इतना लोकप्रिय हुआ कि, अंग्रेजों के विरुद्ध इस गाने को सबसे ज्यादा सुना जाने लगा.
अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार ने सबसे ज्यादा और बड़ी देशभक्ति की फिल्मों का निर्माण किया. इसीलिए उनका नाम भारत कुमार हो गया. उनकी बनाई प्रमुख फिल्मों में शहीद, उपकार, पूरब और पश्चिम और क्रांति जैसी बड़ी फिल्मों का नाम शामिल है. हकीकत, बॉर्डर, मंगल पाण्डे द राइजिंग, लक्ष्य, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द फॉरगॉटन हीरो, सरदार, गाँधी, झाँसी की रानी जैसी कई बड़ी फ़िल्में हैं, जिनमें देशभक्ति की भावना पूरी तरह प्रदर्शित होती है. तो वहीँ प्रहार, मिशन कश्मीर, ए वेडनेसडे, स्वदेश, रंग दे वसंती जैसी फिल्मों में भी देश भक्ति का यही ज़ज्बा शामिल रहा, और इन फिल्मों को दर्शकों ने बहुत पसंद भी किया है. आज भी बॉलीवुड के फिल्मकारों पर देश भक्ति का जूनून वैसा ही है. फिल्म निर्देशक नीरज पांडे ने बेबी, एयरलिफ्ट, स्पेशल 26 जैसी देशभक्ति की फ़िल्में बनाकर अभिनेता अक्षय कुमार को एक अलग अंदाज़ में प्रस्तुत किया है. हॉलिडे और गोल्ड भी अक्षय कुमार की ऐसी फ़िल्में हैं, जिनसे उन्होंने दर्शकों के दिलों में ख़ास जगह बनाई.
चक दे इण्डिया, मैरीकॉम, दंगल, भाग मिल्खा भाग इन फिल्मों में भी खेलों के ज़रिये देश भक्ति की इसी भावना को दिखाया गया है.
पिछले साल आई निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘ताशकंद फाइल्स, भी देश भक्ति के इसी ज़ज्बे पर आधारित थी. और आगे भी बॉलीवुड में इस तरह की फ़िल्में बनती रहेंगी.