सेमल: एक ऐसा पेड़ जिसका हर हिस्सा है शरीर के लिए उपयोगी

सेमल एक ऐसा पेड़ है जो औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे कॉटन ट्री के नाम से भी जाना जाता है। भारत के अलावा मलेशिया, श्रीलंका, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इसकी खेती की जाती है। सेमल के फूल लाल रंग के होते हैं। यह वसंत ऋतु के पहले आते हैं। औषधीय गुणों के कारण कई तरह की बीमारियों में सेमल का उपयोग किया जाता है। ख़ास बात यह है कि सेमल के पेड़ का हर हिस्सा हमारे शरीर के लिए उपयोगी है। इसका वानस्पतिक नाम बॉम्बैक्स सेइबा है।

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आयुर्वेद में सेमल को बड़ा महत्व दिया गया है। सेमल के पत्तों का चूर्ण बनाकर उसका सेवन करने से रक्त साफ़ होता है। इससे हमें कई तरह की बीमारियों से निजात मिलती है। सेमल के फूल के हरे भाग को सूखाकर उसका पाउडर तैयार करे। अब इस पाउडर का दूध, शहद और घी के साथ सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। नकसीर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति के लिए भी सेमल काफी उपयोगी है। इसके छाल से बने चूर्ण का सेवन करने से नकसीर की समस्या से राहत मिलती है। सेमल की गोंद का सेवन करने से हमें पेट से जुड़ी कई बीमारियां नहीं होती है।

सर्दी-जुखाम के इलाज के लिए भी सेमल का उपयोग किया जाता है। सेमल की जड़, अदरक और काली मिर्च का पाउडर बनाकर उसका सेवन करने से सर्दी-जुखाम से राहत मिलती है। साथ ही संक्रमण भी नहीं फैलता है। चोंट लगने पर सेमल की छाल का पेस्ट बनाकर उसे घाव पर लगाने से राहत मिलती है और घाव भी जल्दी भरता है। इसके अलावा त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए भी सेमल उपयोगी है। इसके लिए सेमल के तने से कांटेदार भाग को हटाकर उसका दूध या पानी से पेस्ट तैयार करें। अब इस पेस्ट को मुहांसे, त्वचा के निशान या जलने के निशान पर लगाने से मुहांसे और निशान खत्म हो जाते हैं।

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इन सब फायदों के अलावा सेमल के अन्य भी कई फायदे हैं। हालांकि सेमल का उपयोग करने से हमें कुछ नुकसान भी हो सकता है। इसलिए इसका उपयोग करने से पहले एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लेना चाहिए।