1600 फिल्मों में काम कर चुके कामेडी एक्टर ने बनाया, भगवान श्रीराम और हनुमानजी का स्कैच

देश में ऐसे कई कलाकार हैं जो कई तरह से अपना आर्ट दिखा सकते हैं और अपनी कला का लोहा मनवाने की ताकत रखते हैं। आमतौर पर यह देखने में आता है कि कई अभिनेता, गाना भी गा लेते हैं और कुछ लोगों को कई तरह की कलाएं दिखाने में आनंद आता है। ऐसे ही हैं जाने- माने हास्य अभिनेता ब्रह्मानंद, जो कि साउथ की फिल्मों मेंं छाये हुए हैैं। साउथ में उन्हें कितना पसंद किया जाता है, यह इस बात से पता चलता है कि जीवित अभिनेताओं में दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्मों में अभिनय करने का विश्व रिकॉर्ड उनके ही नाम पर है, रिकॉर्ड बनाते वक्त उनके खाते में लगभग 1100 फिल्में थीं, लेकिन अब तक वे 1600 फिल्मों में काम कर चुके हैं। वे मुख्य रूप से तेलुगू फिल्मों में काम करते हैं, लेकिन उन्होंने तमिल और कन्नड़ के साथ ही हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। ब्रह्मानंद हास्य के इतने बड़े कलाकार हैं कि उनका हर अंदाज हंसा-हंसाकर लोटपोट करने के लिए मजबूत कर देता है। फिलहाल बात उनकी अन्य कला की है, यह जानकर उनके चाहने वालों को अच्छा लगेगा कि ब्रह्मानंद बहुत अच्छे चित्रकार भी हैं।

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पिछले दिनों यानी 5 अगस्त को जब अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन कर रहे थे, तब ब्रह्मानंद अपनी भक्ति और भावनाओं को कागज पर उतार रहे थे। उन्होंने उस दौरान भगवान श्रीराम और हनुमानजी का बहुत सुंदर और जीवंत स्कैच बनाया। पैंसिल से बनी इस कलाकृति में भगवान श्रीराम अपने सबसे प्रिय भक्त हनुमानजी को अत्यंत प्रेम से गले लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। सादे कागज पर सादी पैंसिल से बनाया यह स्कैच असाधारण और बहुत सुंदर है। वास्तव में हर कलाकार अपने भावों की अभिव्यक्ति अपनी कला के जरिये सबसे अच्छी तरह व्यक्त कर सकता है। इसीलिए दक्षिण भारत के सबसे बड़े हास्य अभिनेता ब्रह्मानंद ने प्रभु श्रीराम-हनुमान मिलन का भावुक स्कैच बनाया।

ब्रह्मानंद का पूरा नाम ब्रह्मानंदम् कन्यकांति है। उन्हें भारतीय सिनेमा में अपने विशेष योगदान के लिए 2009 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वे सचमुच एक महान कलाकार हैं, उनका कहना है कि मैं तो लोगों को हंसाने के लिए ही हुआ हूं। ऐसी अनेक बातें हैं जिनसे ब्रह्मानंद की अपनी एक अलग पहचान है। उनका जन्म आंध्रप्रदेश के साटेनापल्ली जिले के मुपल्ला गांव में 1 फरवरी 1956 को हुआ था। उनका शुरुआती जीवन काफी परेशानियों के बीच बीता। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसके बावजूद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की। कॉलेज में भी वे अक्सर छात्रों को मिमिक्री कर हंसाया करते थे। अपनी कॉमेडी से पेट में दर्द कर देने वाले ब्रह्मानंद का कॅरियर बतौर तेलुगू एक लैक्चरर के रूप में शुरू हुआ था। एक बार उन्हें इंटर कॉलेज ड्रामा प्रतियोगिता में बेस्ट सपोर्टिंग आर्टिस्ट का प्राइज मिला तो इसके बाद से ही उनकी रुचि एक्टिंग में बढ़ गई। इसके बाद फिल्मों में उन्हें अवसर मिले और उनके फिल्म कॅरियर की शुरुआत 1986 में चंताबाबाई फिल्म से हुई। इस फिल्म में उनका बेहद छोटा रोल था, लेकिन उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ हुई।

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इसके बाद तो ब्रह्मानंद को इतनी फीस मिलने लगी कि हिंदी फिल्मों के कई स्टार भी उतनी फीस नहीं ले पाते थे। वर्ष 2015 में ब्रह्मानंद ने अपनी फीस बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दी थी। वे अमिताभ बच्चन की फिल्म सूर्यवंशम् में भी नजर आए थे, लेकिन इस फिल्म में डॉक्टर की एक छोटी भूमिका में दिखे थे। उम्मीद की जाती है कि ब्रह्मानंद का हास्य पूरे देश के लोगों का तनाव दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और वे लंबे समय तक अपने दर्शकों के दिलों पर राज करेंगे।