ब्राजील के राष्‍ट्रपति ने हनुमान जी की तस्‍वीर शेयर करते हुए कहा-Thank You India

भारत देश में बनी कोरोना वैक्सीन अब ब्राजील पहुंच गई है. ख़बरों के अनुसार ब्राजील, अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना से प्रभावित होने वाला देश है. कोरोना वैक्सीन के ब्राजील पहुंचते ही ब्राजील के राष्ट्रपति  जेयर बोलसोनारो ने सोशल मीडिया (ट्वीटर) के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा.  इस ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद के साथसाथ  हनुमान जी की एक तस्वीर शेयर की. इस तस्वीर में हनुमान जी कोरोना वैक्सीन को ले जाते दिखाई दे रहे हैं.

यह तस्वीर रामायण के एक महान प्रसंग को दर्शाती है, जिसमें भगवान हनुमान ने युद्ध में घायल हुए भगवान राम के भाई लक्ष्मण को बचाने के लिएसंजीवनी बूटीहेतु पूरे गोवर्धन पर्वत को उठा कर लाते हैं.

एक समाचार एजेंसी के अनुसार , ब्राजील के राष्‍ट्रपति जेयर बोलसोनारो (Jair M Bolsonaro) ने शुक्रवार को कहानमस्कार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीवैश्विक बाधा को दूर करने के प्रयासों में भारत के एक महान भागीदार होने के लिए ब्राजील बेहद आज खुद को बेहद सम्मानित महसूस कर रहा है. ब्राजील को कोविड वैक्‍सीन के रूप में मदद करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

इससे पहले, ब्राजील के राजदूत आंद्रे अरान्हा कोरेया लागो ने परिवहन के दौरान टीके औरव्यावसायिकता का प्रदर्शनके लिए एसआईआई (SII) को धन्यवाद दिया है.

ब्राजील और मोरक्को पहुंची भारत की कोरोना वैक्सीन

शुक्रवार की सुबह आर्थिक राजधानी यानि की मुंबई से कोविशील्ड की 20-20 लाख खुराक ब्राजील और मोरक्कों पहुंचाई गईं. CSMIA की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार कोविशील्ड टीके की 20 लाख खुराक ले कर एक विमान मुंबई हवाई अड्डा  से ब्राजील के लिए और 20 लाख खुराक लेकर दूसरा विमान मोरक्को के लिए रवाना हुआ.’  इस प्रेस विज्ञप्ति से यह भी जानकारी मिली है कि 22 जनवरी तक CSMIA ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू स्थानों तक कोविशील्ड की 1.417 करोड़ खुराक पहुंचाई है. भारत बुधवार से ही भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यामांर और सेशेल्स को कोविड-19 का टीका भेज रहा है.

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दुनियाभर में जारी टीकाकरण अभियान के तहत ब्राजील ने चीन के दावे की खोली पोल.

चीन जिस कोविड वैक्सीन की बात कर रहा था वह महज 50.4 फीसदी ही असरदार है. इस बात का खुलासा ब्राजील के वैज्ञानिकों ने किया है. इसी कारण अन्य देश भी भारत से उम्मीदें लगाए बैठे हैं.