आज 13 अप्रैल को गुड़ी पड़वा है, और आज ही से हिंदू नववर्ष का शुभारंभ हो रहा है. साथ ही सनातन धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक चैत्र नवरात्रि का त्योहार भी आज ही प्रारंभ हुआ है. गुढ़ी पड़वा एक वसंत-ऋतु का त्योहार है जो मराठी और कोंकणी हिंदुओं के लिए पारंपरिक नए साल का प्रतीक है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास में नवरात्र व नए साल की शुरुआत महाराष्ट्र और गोवा में होती है. दुनिया भर में हिंदू समुदाय के लिए चैत्र नवरात्रि का उत्सव महत्वपूर्ण माना जाता है. चैत्र नवरात्रि, जैसे शरद या महा नवरात्रि, देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों को समर्पित है, जिन्हें सामूहिक रूप से ‘नवदुर्गा’ के रूप में जाना जाता है। इन नौ रूपों या अवतारों में से प्रत्येक की पूजा हर दिन की जाती है. ये नौ रूप इस प्रकार है :
1.शैलपुत्री,
2.ब्रह्मचारिणी,
3.चंद्रघंटा,
4.कुष्मांडा,
5.स्कंद माता,
6.कात्यायनी,
7.कालरात्रि,
8.महागौरी और
9.सिद्धिदात्री
इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल यानि आज से शुरू होकर 22 अप्रैल तक जारी रहेगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह चैत्र माह में शुक्ल पक्ष के दौरान मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, चैत्र नवरात्रि मार्च या अप्रैल में मनाया जाता है.
अब बताते हैं कि कौन से दिन किस माता की पूजा होगी…
12 से 18 अप्रैल तक का पंचाग
तारीख और वार तिथियां व्रत-त्योहार
12 अप्रैल, सोमवार चैत्र अमावस्या सोमवती अमावस्या
13 अप्रैल, मंगलवार चैत्र शुक्लपक्ष, प्रतिपदा गुड़ी पड़वा, हिंदू नववर्ष
14 अप्रैल, बुधवार चैत्र शुक्लपक्ष, द्वितीया सिंधारा दूज
15 अप्रैल, गुरुवार चैत्र शुक्लपक्ष, तृतीया गणगौर तीज
16 अप्रैल, शुक्रवार चैत्र शुक्लपक्ष, चतुर्थी विनायक चतुर्थी
17 अप्रैल, शनिवार चैत्र शुक्लपक्ष, पंचमी श्री पंचमी
18 अप्रैल, रविवार चैत्र शुक्लपक्ष, षष्ठी
नवरात्रि देश भर में मनाया जाने वाला सबसे लंबा हिंदू त्योहार है. लेकिन, बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि यह वर्ष में पांच बार मनाया जाता है, विभिन्न मौसमों में. तो, जबकि चैत्र नवरात्रि है, आषाढ़ नवरात्रि, शारदा नवरात्रि, और पौष / माघ नवरात्रि भी हैं. इनमें से शरद ऋतु की शुरुआत में मनाया जाने वाला शारदा नवरात्रि और वसंत ऋतु में चैत्र नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण हैं.
क्योंकि नवरात्र का पर्व है तो कुछ लोग पूरे नौ दिन व्रत रख कर मां दुर्गा की आराधना करते हैं तो कुछ एक समय ही भोजन करते हैं. और हां एक एक जानकारी देना चाहेंगे कि 6 दिन लगातार यानि 12 से 17 अप्रैल तक सोमवती अमावस्या, चैत्र प्रतिपदा, सिंधारा दूज, गणगौर तीज, विनायक चतुर्थी और श्री पंचमी जैसे व्रत और पर्व भी रहेंगे. इसलिए तीज-त्योहारों के लिहाज से ये सप्ताह बहुत ही खास रहेगा.
ऐसे में आप सभी माता का गुणगान करें और उनकी पूजा नियम अनुसार करें और प्रार्थना करें कि ये कोरोना का माहौल जल्दी से खत्म हो जाए और सभी स्वस्थ रहें और अब पहले से ज्यादा लोगों के काम अच्छे होने लगें.