सनातन धर्म में भगवान श्रीगणेश की अग्रपूजा का विधान है। हर शुभ कार्य से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। देवता भी अपने कार्य बिना किसी विघ्न के पूरे हो, इसके लिए भगवान श्रीगणेश की पूजा करते हैं। धार्मिक ग्रंथों में भगवान श्रीगणेश को विघ्न विनाशक या विघ्न हर्ता कहा गया है। भगवान श्रीगणेश की पूजा करने से अर्थ, विद्या, बुद्धि, विवेक, यश, प्रसिद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाले सभी तरह के विघ्न दूर हो जाते हैं। भगवान गणेश की आराधना अत्यंत सरल तथा प्रभावी होती है। पौराणिक शास्त्रों में कुछ मंत्रो का वर्णन किया गया है, जिनके जाप मात्र से ही भगवान श्रीगणेश खुश हो जाते हैं।
“ॐ गं गणपतये नमः”
भगवान श्रीगणेश का बीज मंत्र ‘गं’ है। इस मंत्र के जाप से भगवान श्रीगणेश शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल देते हैं।
“ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात।।“
गणेश गायत्री मंत्र के जाप से भगवान श्रीगणेश की विशेष कृपा होती है। इस मंत्र का लगातार 11 दिनों तक शांत मन से 108 बार जाप करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है।
“ॐ वक्रतुंडाय हुम्’
उच्छिष्ट गणपति मंत्र का जाप करने से धन की कमी नहीं होती है। इस मंत्र का जाप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, पताशा, ताम्बुल, सुपारी होना चाहिए।
“ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा”
आलस्य, निराशा, जीवन में होने वाले कलह या विघ्न को दूर करने के लिए भगवान श्रीगणेश की पूजा करते समय विघ्नराज गणेश मंत्र का जाप जरुर करे।
“गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:”
आर्थिक परेशानियों को दूर करने और आत्मबल प्राप्त करने के लिए भगवान श्रीगणेश की आराधना करते समय हेरम्ब गणपति मंत्र का जाप करे।
“ॐ गं नमः”
रोजगार संबंधी परेशानी दूर करने और आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जाप करे।
“ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।“
विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करने और अनुकूल जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जाप करे।
“ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।“
कर्ज से परेशान व्यक्ति यदि गणेश कुबेर मंत्र का नियमित जाप करता है तो उसकी परेशानी दूर होना शुरू हो जाती है। धन के नए स्त्रोत प्राप्त होते हैं जिनसे व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है।