हम सब साल 2021 में प्रवेश कर चुके हैं. साल के शुरु होते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने देश को खुशखबरी दे दी है. साल 2020 में सबसे ज्यादा चर्चा कोरोना महामारी की ही रही है. और सबके मन में कई तरह के सवाल थे जैसे कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी ? कितने पैसों में कोरोना की वैक्सीन मिल पाएगी? इस विषय पर स्वास्थ मंत्री का कहना है कि पूरे देश को वैक्सीन जल्द उपल्बध होगी और 3 करोड़ लोगों को फ्री में दी जाएगी.
केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है. जानकारी के अनुसार शनिवार को पूरे देश में वैक्सिनेशन का ड्राई रन किया गया. इसमें 125 जिलों के 285 सेंटर शामिल किए गए थे. और जो जानकारी इस ड्राई रन से प्राप्त हुई है, उसे विशेषज्ञों के साथ साझा किया गया है. स्वास्थ मंत्री का कहना है कि पहले फेज में 3 करोड़ लोगों को फ्री में वैक्सीन दी जाएगी. इस लिस्ट में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे. वैक्सीन की फ्री वाली बात पर भी ट्विटर के माध्यम स्वास्थ मंत्री ने लोगों के समक्ष अपनी बात रखी है.
शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री GTB अस्पताल पहुंचे और ड्राई रन की तैयारियों की जांच पड़ताल की. पत्रकारों से बात करते हुए डॉ.हर्षवर्धन ने देश की जनता से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें. सुरक्षित और असरदार वैक्सीन हमारी प्राथमिकता है. पोलियो के वैक्सीनेशन के दौरान भी कई तरह की अफवाहें फैलाई गई थीं. लेकिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई और आज देश पोलियो से मुक्त हो चुका है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 4 राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार) के एक एक बड़े शहर में वैक्सिनेशन के ड्राई रन से जो जानकारी मिली है उसके आधार पर गाइडलाइंस में तबदीली की गई.
ड्राई रन कैसे हुआ?
A. ड्राई रन की गतिविधियाँ इस प्रकार रहीं:
1. बेनीफिशियरी (जिन लोगों को डमी वैक्सीन लगाई जानी है) उनकी जानकारी
2. जहां वैक्सीन दी जानी है उस जगह की सारी डिटेल
3. मौके पर डाक्यूमेंट्स का वैरिफिकेशन और
4. वैक्सीनेशन की मॉक ड्रिल और रिपोर्टिंग की जानकारी अपलोड करना शामिल था.
जानकारी के अनुसार ड्राई रन की प्रथम लिस्ट में कुछ लोगों को शामिल किया गया. जिन्हें डमी वैक्सीन दी गई. इस तरह की प्रक्रिया करने का तात्पर्य है कि वैक्सीनेशन में किसी प्रकार की कोई कमी तो नहीं है. जिससे वक्त रहते कमियों को दूर कर लिया जाए.
B. ड्राई रन के दौरान हर साइट पर मौजूद मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज ने 25 बेनीफिशियरों का चयन किया. हर सेंटर पर तीन कमरे थे. पहले कमरे में लोगों को एकत्रित किया गया और उन्होंने अपनी बारी की प्रतिक्षा की. साथ ही हेल्थ वर्कर के द्वारा दी गई जानकारी को अच्छे से चेक किया गया. दूसरे कमरे में इन लोगों को वैक्सीन दी गई. तीसरे कमरे में जिन्हें वैक्सीन दी गई उन्हें वहां 30 मिनट तक रखा. इससे यह देखा गया कि जिन्हें वैक्सीन दी गई है उन्हें किसी तरह की परेशानी तो नहीं हो रही है. और अगर किसी तरह की परेशानी हो रही है तो समय पर कदम उठा लिया जाए.
C. आपको जानकारी देना चाहेंगे कि इस ड्राई रन में ये बेनीफिशियरी हेल्थ वर्कर्स ही थे. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया कि वे सर्वे (बेनीफिशियरी) को Co-WIN ऐप पर अपलोड करें. बताना चाहेंगे कि यह वैक्सीन की डिलीवरी और मॉनिटरिंग का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है. इस प्रोसेस के बाद Co-WIN उपयोगी हो पाएगा.
D. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक लगभग 96 हजार वैक्सीनेटर्स को वैक्सीनेशन की ट्रेनिंग दी गई. 2,360 National Training of Trainers Institute to participants में और 719 जिलों में 57 हजार से अधिक लोगों को ट्रेनिंग दी गई.
इस देश का कोई भी व्यक्ति वैक्सीन से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी 104 नंबर पर डायल करके प्राप्त कर सकता है.