श्रदालुओं के लिए खुशखबरी 24 सितंबर से कर पाएंगे कामाख्या मंदिर के दर्शन

24 सितंबर (गुरुवार) के दिन गुवाहाटी का प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर खुलने जा रहा है. जानकारी अनुसार मंदिर के ट्रस्ट ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहेंगे कि कोरोना महामारी के चलते मंदिर के प्रबंधक ने सख्त गाइड लाइंस बनाए हैं. भारत के अन्य राज्यों की तरह गुवाहाटी में भी कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं दूसरी और मंदिर खोलने की मांग भी काफी समय से चल रही है।

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ऐसे में गुवाहाटी सरकार ने एक प्रस्ताव बनाया है जिसे 24 सितंबर से लागू कर दिया जाएगा. इस प्रस्ताव के अनुसार पूरे दिन में 500 लोग दर्शन करने आ सकते हैं. मंदिर में कोई भी 15 मिनट से ज्यादा नहीं रह सकता. मंदिर ट्रस्ट ने सरकार द्वारा तय गाइड लाइन के मुताबिक मंदिर खोलने की पूरी तैयारी कर ली है.

मंदिर के ट्रस्टी ने जानकारी दी है कि लॉकडाउन से पहले 1500-2000 की संख्या में दर्शनार्थी दर्शन करने आते थे. वहीं त्योहारों में 20-25 लाख लोग दर्शन करने आते थे. खासतौर पर अंबुवाची उत्सव, जो जून महीने में होता है. इस समय बड़ी संख्या में लोग पूजा करने आते हैं.

मंदिर में प्रवेश करने के नियम इस प्रकार है.

मंदिर की वेबासाइट से दर्शन के कम से कम एक दिन पहले ऑनलाइन बुकिंग होगी।
मंदिर की ओर से दर्शन के लिए तय समय दिया जाएगा।
एक बार में मंदिर के भीतर सौ लोगों से ज्यादा को प्रवेश नहीं मिलेगा।
दर्शन के लिए आपकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए।
मंदिर में कोई भी भक्त 15 मिनट से ज्यादा देर नहीं ठहर सकेगा।
किसी भी विशेष पूजा आदि में बाहरी लोग शामिल नहीं होंगे।
मंदिर को हर दो घंटे में सैनेटाइज किया जाएगा।
मंदिर में आने वाले लोगों को रैपिड एंटीजन टेस्ट भी होगा। इसके लिए एक मेडिकल टीम मंदिर में तैनात रहेगी।

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लॉकडाउन में मंदिर को भारी नुकसान

17 मार्च के दिन से देश के सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था. ऐसे ही कामख्या मंदिर भी बंद हुआ. इसके कारण द्रस्ट
लॉकडाउन के दौरान मंदिर 17 मार्च को बंद कर दिया गया था। इसके कारण ट्रस्ट को खासा नुकसान उठाना पड़ा है। मौजूद हालात की वजह से मंदिर में दान की आवक इस समय लगभग ना के बराबर ही रही है। पिछले 6 महीनों में मंदिर की आर्थिक स्थिति खासी प्रभावित हुई है।

हर साल जून के महीने में होता है अंबुवाची मेला. लेकिन इससे कोरोना के चलते यह मेला नहीं हुआ. इस वजह से मंदिर को मिलने वाला दान लगभग शून्य हो गया है। जानकारी अनुसार के सभी मंदिरकर्मचारियों को पूरी सैलरी मिल रही है. लेकिन जो स्टाफ घर पर है उन्हें 40 प्रतिशत ही सैलरी दी जा रही है. मंदिर के सफाई कर्मचारियों को तो पूरी सैलेरी दी अभी जो स्टाफ घर पर है उन्हें 40 प्रतिशत सैलेरी ही दी जा रही है। आपको बताना चाहेंगे कि मंदिर में लगभग50 कर्मचारी ही हैं।