एक दिग्गज हीरा कारोबारी की कहानी, जिसने श्रीराम मंदिर के लिए दिया 11 करोड़ का दान

बीते साल अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन संपन्न होने के बाद से ही लोगों में मंदिर को लेकर काफी ज्यादा उत्सुकता है. राम भक्त इस मंदिर के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच 15 जनवरी से श्री राम मंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान की शुरुआत भी हो चुकी है. लोगों ने मंदिर बनाने के लिए दान देना शुरू कर दिया है. मंदिर निर्माण के लिए जानी मानी हस्तियों से लेकर आम जनता तक अपना योगदान दे रही है.

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इसी अभियान के तहत निधि संग्रह की प्रक्रिया शुरू ही हुई थी कि, अचानक पहले ही दिन गुजरात के हीरा व्यापारी गोविन्द भाई ढोलकिया का नाम एकाएक सुर्ख़ियों में आ गया. गोविंदभाई धोलकिया, सूरत में हीरा के व्यापारी हैं और रामकृष्ण डायमंड के मालिक हैं. सालों से आरएसएस के साथ जुड़े हुए हैं, 1992 में हुई राम मंदिर पहल में भी वो शामिल थे, इसी के चलते उन्होंने अपनी श्रद्धा और आस्था से भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ का दान दिया गया है. केवल सातवीं तक पढ़ाई करने वाले इस व्यापारी ने अपनी लगन और मेहनत के बलबूते अरबों का कारोबार खड़ा किया है. गोविंदभाई गोविंदभाई सूरत में हीरा के व्यापारी हैं और श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स के चेयरमैन हैं. वे वर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं. वे एक जाने माने कारोबारी तो हैं ही काफी धार्मिक व्यक्ति भी हैं. उनका हीरों का कोई खानदानी कारोबार नहीं रहा है, इसके बावजूद अपने दम पर वे हीरा कारोबार के दिग्गज बन गए.

गोविंदभाई कुछ साल पहले दिवाली पर सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिजनों को कंपनी के खर्चे पर 10 दिन का टूर पैकेज देकर चर्चा में आए थे. हमेशा अपने दिवाली गिफ्ट को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. ढोलकिया अपने सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिजनों को कीमती तोहफे देते हैं.

7 नवंबर 1947 को जन्मे ढोलकिया अब करीब 73 साल के हो चुके हैं. उनका जन्म गुजरात के एक छोटे से गांव दुधाला में एक किसान परिवार में हुआ था. उनका जीवन काफी अभावों में बीता और शायद इसीलिए ढोलकिया के मन में बचपन से ही हालात को बदलने की इच्छाशक्ति पैदा हो गयी. सातवीं में ही पढ़ाई छोड़कर अपने बड़े भाई भीमजी के साथ सूरत आ गए और वहां साल 1964 में उन्होंने डायमंड पॉलिश करने का काम शुरू किया. उन्होंने वहां वर्षों तक एक डायमंड पॉलिशिंग वर्कर के रूप में कड़ी मेहनत की. बाद में अपने दो दोस्तों के साथ 12 मार्च 1970 में हीरों का अपना कारखाना शुरू किया. हीरों का कारोबार अच्छी तरह से जमाने के बाद उन्होंने 1977 में श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट (SRK Export) के नाम से अपना अपना निर्यात कारोबार शुरू किया. आज यह दुनिया के कई देशों में कारोबार करने वाली एक दिग्गज कंपनी बन चुकी है. आज गोविंदभाई ढोलकिया देश के शीर्ष हीरा कारोबारियों में से एक हैं. उनकी पत्नी चम्पाबेन गोविंदभाई ढोलकिया पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन वह सूरत की सबसे अमीर महिलाओं में से हैं. एक बार गोविंदभाई ढोलकिया अपने कर्मचारियों और उनके परिवार को कंपनी के खर्चे पर दस दिन के टूर पर लेकर गए थे. इसके अलावा वो अपने स्टाफ को कार और घर तक गिफ्ट कर चुके हैं. ढोलकिया डायमंड कंपनी श्रीरामकृष्णा एक्सपोर्ट्स के फाउंडर हैं. गोविंदभाई इस कंपनी के चेयरमैन हैं. हीरा कारोबार के क्षेत्र में उनका नाम काफी मशहूर हैं.