रोज योग करने से मानसिक और शारीरिक ऊर्जा में सकारात्मकता बढ़ने के साथ साथ उत्साह में वृद्धि होती है. किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए सकारात्मक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. ऐसे में योग करने से चंचल मन भी स्थिर रहता है, और उसकी वजह से आपका काम कम समय पर संपूर्ण व सफल हो जाता है.
योग शब्द का शाब्दिक अर्थ जोड़ना या मिलन कराना है. योग शब्द के इस अर्थ का भारतीय संस्कृति में बहुत अधिक प्रयोग किया गया है.
आज के आर्टिकल में हम बात कर रहें हैं महर्षि रमण के बारे में, जिनके पैर पर सांप चढ़ा लेकिन उन्हें काटा नहीं. कहानी इस प्रकार है-
अरुणाचल प्रदेश के एक गांव में स्कंध आश्रम में महर्षि रमण रहा करते थे. जब कुछ लोगों आश्रम में रह रहे महर्षि को देखा तो दंग रह गए, क्योंकि आश्रम के आस पास बहुत से ज़हरीले सांप व और हिंसक जीव रहते थे.
एक दिन एक घटना हुई, एक सांप महर्षि रमण के पैरों पर चढ़ गया. यह देख कर उनके आस पास रहने वाले लोग डर गए. लोगों ने तो यह अंदाजा भी लगाना शुरू कर दिया था कि अब यह सांप महर्षि को डस लेगा. कुछ लोगों ने उन्हें सांप को हटाने के लिए कहा, लेकिन महर्षि ने कहा, कि ये सांप उन्हें नहीं काटेगा और अपने आप ही चला जाएगा. और थोड़ी देर बाद ऐसा ही हुआ, जैसा महर्षि ने कहा था, सांप उन्हें बिना काटे चला गया.
इस दृश्य को देखकर लोगों को बहुत आश्चर्य हुआ, उन लोगों में से किसी ने महर्षि से पूछा, कि कहीं ये सांप आपको डस लेता तो? इस पर महर्षि ने कहा कि ‘यदि सांप डसता भी, तो मेरे शरीर को, और “मैं तो आत्मा हूं”. हमारा शरीर तो एक पत्थर है’.
महर्षि रमण के इस कथन से यही तात्पर्य है, कि शरीर तो ढांचे की तरह होता है, जिसमें आत्मा रहती है.
महर्षि रमण ने वहां मौजूद लोगों को यह भी बताया कि इन पशु-पक्षियों को मेरी आत्मा का भाव समझ आता है. यही कारण है कि वे मुझे नुकसान नहीं पहुंचाते. ऐसा वही कर पाते हैं जो व्यक्ति हर रोज योग करते हैं. और योग से उनके शरीर में शक्ति का प्रवाह बन जाता है.