दही-चीनी खाने से बढ़ती है सकारात्मक ऊर्जा

हिंदू धर्म में यह परंपरा कि जब भी कोई घर का व्यक्ति शुभ कार्य के लिए जाता है तब घर के लोग उस व्यक्ति को दही-चीनी खीला कर भेजते हैं. दही-चीनी खाने की परंपरा आयुर्वेदिक महत्व भी रखती है इसे खाने से मन अच्छा होता है और दिमाग को ठंडा रखता है. आयुर्वेदिक हॉस्पिटल वाराणसी के चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस परंपरा से शरीर को तुरंत ऊर्जा प्राप्त होती है. और फिर इस ऊर्जा से मूड अच्छा बना रहता है. साथ ही इससे पेट की गर्मी भी कम हो जाती है. अर्थात् इससे आपका मन और दिमाग शांत व ठंडा रखता है और इस तरह यह आपको तनाव मुक्त रखता हैं और तब आपका कार्य में मन लगता और फिर वे काम आपके सूचारू रूप से पूर्ण होते हैं. लंबे समय तक दही-चीनी का सेवन करने से याददाश व कॉन्सेंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है.

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अपने आयुर्वेदिक गुणों के कारण दही का उपयोग पूजा-अर्चना में भी किया जाता है. भगवान के अभिषेक के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पंचामृत यानी पांच अमृतों में भी दही आता है. इसे खाने के बाद शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और नकारात्मक विचार नहीं आते. इस कारण धर्म ग्रंथों में भी दही-चीनी खाने का विधान मिलता है.

दही और चीनी खाना सेहत के लिए है फायदेमंद
ये तो आप जानते ही होंगे कि दही शरीर के लिए सुपरफूड के जैसा होता है. जानकारी के अनुसार दही खाने से पाचन क्रिया अच्छी हो जाती है. दही में मौजूद नैचुरल लैक्सेटिव की वजह से खाना मुलायम रहता है जिससे खाना सही ढंग से पचता है. कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मिनरल्स बी1 और बी2 ये सभी गुण शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. ऐसे में दही खाना सेहत के लिए फायदेमंद है. चीनी को दही में मिलाने से जीवाणु में बढ़ोतरी होती है. सबसे बड़ी बात यह है कि दही-चीनी खाने से मूढ़ प्रफुल्लित हो जाता है.