कई घातक बीमारियों के बाद भी बुजुर्ग महिला ने दी कोरोना को मात

कोरोना काल की दूसरी लहर ने लोगों को कोरोना की पहली लहर से ज्यादा परेशान किया है. ख़बर है कि कोराना की तीसरी लहर और भी ज्यादा खतरनाक होगी. ऐसे में कोरोना के प्रभाव से बचने के लिए हमें और आपको सरकार व WHO द्वारा जारी की गई गाइलाइन का पालन करना ज़रूरी है. आज के इस आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं अजमेर निवासी 71 साल की रेखा देवी जी के बारे में जिन्होंने हाल ही में कोरोना को मात दी है. उम्मीद है इनकी सकारात्मक कहानी जानकर आप के अंदर भी आत्मविशवास बढ़ेगा. वहीं एक और जानकारी देना चाहेंगे, कि कई हफ़्तों के बाद पहली बार सुनने को मिला है कि कोरोना के मरीजों की संख्या में कुछ कमी आई है.

कोरोना काल में ऐसी कई कहानियाँ हमारे सामने आयी हैं, जिन्हें सुनकर हम सबका हौसला बढ़ जाता है. ऐसा ही एक क़िस्सा है, 71 साल की रेखा देवी का, उन्होंने कोरोना को हराकर एक मिसाल कायम की है. उन्हें ब्लड कैंसर,शुगर, लंग्स में TB की गांठ और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां पहले से ही थीं. ऐसे में कोरोना के प्रभाव में आना और फिर उसे हराना क़ाबिले तारीफ है. इस विषय पर हम बस यही कहना चाहेंगे कि कोरोना से डरें नहीं, बल्कि डटकर मुकाबला करें और उसे हराएं. समय पर दवा लें और मुंह पर मास्क लगाएं. सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का पालन करें. अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलें. तबीयत खराब हो तो डॉक्टर की सलाह लें. और सरकार द्वारा जारी की गई वेबसाईट पर रजिस्टर कर के वैक्सीन लगवाएँ, और फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ साझा करें यानि कि उन्हें भी वैक्सिनेशन के लिए प्रेरित करें.

जानकारी के अनुसार रेखा देवी लॉकडाउन के दौरान कैंसर के इलाज के लिए अजमेर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुईं. वहां से ठीक होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. लेकिन दो दिन बाद फिर बीमार होने के कारण उन्हें रेलवे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. जहां जांच में पता लगा कि उन्हें कोरोना हो गया है. फिर जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में 25 दिन इलाज चला. इस दौरान 15 दिन वेंटिलेटर पर बिताने के बाद उन्होंने कोरोना को मात देकर ये बता दिया, कि इंसान की इच्छाशक्ति और हौसले के सामने बीमारियों का क़द बहुत छोटा होता है.