रंग भूमि से लेकर संगीत फव्वारों तक सब कुछ होगा भव्य श्रीराम मंदिर में

तैयारियां हो चुकी हैं. दिव्य युग का शुभारम्भ होने जा रहा है. अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनाया जा रहा है. वो देव स्थान जिससे समस्त सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था जुड़ी है. जो आराध्य हैं मानवजाति के, ये प्रभु राम का मंदिर है. जिसके बनने की प्रतीक्षा में सदियाँ बीत गईं. और अब वो घड़ी आ गई है. पर समय तो लगेगा.

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समय इसलिए भी लगेगा क्योंकि ये मंदिर प्रभु राम की जन्मभूमि पर बन रहा है. तो एक एक बात का ध्यान रखा जाएगा. छोटी छोटी चीज़ें भी अद्भुत होंगीं इस मंदिर के परिसर में. इसीलिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मंदिर के परिसर की 70 एकड़ भूमि पर निर्माण की रूपरेखा तैयार कर ली है. और ये निर्माण मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की मर्यादा के अनुसार ही होगा.

इसके लिए 5 एकड़ भूमि पर 100 फीट गहरे 1 मीटर व्यास के 1200 खंभे की नींव बनाई जाएगी. पिलर्स को बनाने के लिए विशेष तरीके के सीमेंट, रेत और गिट्टी का प्रयोग किया जाना है. टेस्ट पाइलिंग के दौरान सीमेंट, रेत और गिट्टी से निर्मित दो स्थानों पर दो सेट पिलर बनाए गए थे, जिनका आईआईटी चेन्नई अध्ययन कर रहा था. अध्ययन के बाद रिपोर्ट टाटा कंसल्टेंसी को दे दिया गया है. टाटा और लार्सन एंड टूब्रो ही मिलकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निगरानी में मंदिर का निर्माण करेंगे.

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अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर 70 एकड़ भूमि में 5 एकड़ भूमि पर राम मंदिर के साथ कॉरीडोर बनेगा. राम मंदिर का निर्माण 2.7 एकड़ भूमि में किया जाएगा, जिसमें राम मंदिर की लंबाई 360 फीट होगी और चौड़ाई 235 फीट होगी. राम जन्मभूमि परिसर में बची हुई 67 एकड़ भूमि पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और भी बहुत सारे निर्माण कार्य करवाने जा रहा है. इसके लिए देशभर के इंजीनियरों, डिजाइनरों और आर्किटेक्ट से 25 नवंबर तक ट्रस्ट की वेबसाइट पर महायोजना के डिजाइन का सुझाव मांगा था. राम जन्म भूमि ट्रस्ट की तरफ से 67 एकड़ भूमि पर जो महायोजना तैयार की गई है, उसमें संग्रहालय, ग्रंथालय, 360 डिग्री रंगभूमि, यज्ञशाला, सम्मेलन केंद्र, सत्संग भवन, धर्मशाला, अभिलेखागार, अतिथि भवन, अनुसंधान केंद्र, प्रशासनिक भवन, आवासीय परिसर, प्रदर्शनी, तीर्थ यात्री सुविधा, पार्किंग, संगीत फव्वारे तक और भी भी बहुत सारिण आधुनिक और भव्य सुविधाएं शामिल हैं.