राम मंदिर के निर्माण की तैयारी बहुत ज़ोरों पर है. हर दिन कुछ न कुछ नया प्रयोग या निर्माण हो रहा है. मंदिर के लिए नींव की खुदाई से पहले श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पाइलिंग टेस्टिंग के तहत बन रहे 12 टेस्ट पिलर तैयार हो चुके हैं. अब 28 दिन बाद इनकी भार क्षमता आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों द्वारा जांची जाएगी. इसके बाद राममंदिर के लिए 1200 स्तंभों के निर्माण का काम शुरू होगा.
मंदिर न्र्मान का कार्य सोमपुरा समूह द्वारा किया जा रहा है. और देश की सबसे अग्रणी कम्पनियों द्वारा हर कदम पर इसकी गुणवत्ता की परख कार्य किया जा रहा है. जानी मानी संस्था एलएंडटी के विशेषज्ञों के अनुसार नींव के फाउंडेशन का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य जून 2021 तय किया गया है. इसके अंतर्गत 13 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में एक मीटर व्यास के 1200 स्तंभ सौ फीट गहराई में कंक्रीट गलाकर बनाए जाएंगे. करीब सौ मीटर की दूरी पर एक सीध में चार-चार स्तंभों के तीन सेट तैयार किए गये हैं. अब इसकी क्षमता का परीक्षण होना है. इन सभी 12 स्तंभों की जांच का काम अब किया जायेगा. जिसके लिए 15 अक्तूबर के बाद इनकी भार क्षमता की जांच की जाएगी. उसके बाद श्री राम मंदिर की नींव के लिए खुदाई का काम शुरू किया जाएगा.
मंदिर के भूतल व प्रथम तल पर लगने वाले पत्थरों की तराशी का लगभग पूरा हो चुका है. नींव का कार्य होने के बाद तराशे गये पत्थरों को यथास्थान पर सेट करना है.
इस तरह धीरे धीरे श्री राम मंदिर निर्माण का काम बहुत प्रगति पर है. और दुनिया भर के सभी रामभक्त अपने प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं. सब कुछ तय समय के अनुसार ही हो रहा है. उम्मीद है आने वाले 2 से 3 वर्ष की समय सीमा में मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा.