अद्भुत प्रेम की मिसाल, श्रीकृष्ण ने पिया गर्म दूध, राधा को हो गए छाले

भगवान श्रीकृष्ण ने भले ही राधा रानी से शादी नहीं की हो, लेकिन दोनों के बीच प्रेम इतना पवित्र और निश्छल था कि आज भी भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा रानी का नाम लिया जाता है। पुराणों में भी राधा रानी को भगवान श्रीकृष्ण की शाश्‍वत जीवन संग‍िनी कहा जाता है। दुनिया के लिए भले ही भगवान श्रीकृष्ण और राधा दो थे, लेकिन राधा कृष्ण ने कभी अपने आप को अलग-अलग नहीं माना। दोनों एक दूसरे के हृदय में बसते थे। चोट एक को लगती तो दर्द दूसरे को होता।

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धार्मिक पुस्तकों में ऐसा ही एक प्रसंग हैं कि एक बार रुक्मणी ने भोजन के बाद भगवान श्रीकृष्ण को पीने के लिए गर्म दूध दिया। दूध इतना गर्म था कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने उसका सेवन किया तो उनका मुंह से लेकर ह्रदय तक जल उठा। जलन की पीड़ा के कारण श्रीकृष्ण के मुख से निकला – ‘हे! राधे।’

रुक्मणी ने जब श्रीकृष्ण के मुख से राधा का नाम सुना तो श्रीकृष्ण से पूछा कि मैं भी आपसे बहुत प्रेम करती हूँ, लेकिन आप कभी मेरा नाम नहीं पुकारते हैं। आप हमेशा राधा का नाम लेते हो, आखिर ऐसा क्या है राधा में? रुक्मणी का सवाल सुनकर श्रीकृष्ण मंद-मंद मुस्काए और रुक्मणी से सवाल किया कि, ‘क्या आप राधा से मिली हो?’

श्रीकृष्ण का सवाल सुन रुक्मणी से रहा नहीं गया और वह अगले ही दिन राधा से मिलने के लिए पहुंच गई। राधा के कक्ष के बाहर रुक्मणी को एक बहुत ही खूबसूरत स्त्री दिखाई थी। रुक्मणी उस स्त्री को राधा समझकर चरण छूने लगी। स्त्री ने रुक्मणी को रोकते हुए उनका परिचय और आने का कारण पूछा। रुक्मणी ने अपना परिचय देते हुए कहा कि मैं राधा से मिलने के लिए आई हूँ। इस पर उस स्त्री ने कहा कि मैं तो राधा की दासी हूँ। राधा से मिलने के लिए आपको सात द्वार पार करने होंगे।

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दासी के कहे अनुसार रुक्मणी ने एक के बाद एक सात द्वार पार किए। हर द्वार पर रुक्मणी को पहले से अधिक खूबसूरत दासी दिखाई दी। जब रुक्मणी ने अंतिम द्वार को पार किया तो उन्हें वहां राधा दिखाई दी। अद्भुत खूबसूरती और मुख पर सूर्य के समान तेज देख रुक्मणी राधा के चरणों में गिर पड़ी। इस दौरान रुक्मणी को राधा के तन पर छाले दिखाई दिए। उन्होंने राधा से पूछा कि आपके तन पर छाले कैसे हुए? इस पर राधा ने कहा कि आपने श्रीकृष्ण को पीने के लिए गर्म दूध दिया था, जिससे उनका ह्रदय जल गया। उनका ह्रदय मेरा निवास स्थान है, इसलिए मेरा शरीर भी दूध से जल उठा।