आने वाले कुछ सालों में 50 करोड़ से ज़्यादा लोगों को हो सकती है ये बड़ी समस्या

इस आधुनिक दुनिया में हर कोई मॉर्डन बनने में लगा हुआ है. कुछ लोगों ने अपने पहनावे को मॉर्डन बना लिया है तो कुछ लोगों ने खाने पीने की चीज़ों में नयापन ढूंढ लिया है. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो हेल्दी खाने का गुणगान करते हुए खुद ही अन हेल्दी हो गए हैं. और लोगों को ज्ञान दे रहे हैं कि कैसे हेल्दी रहना चाहिए. देखा गया है कि आजकल ज्यादातर लोग फास्ट ज़िदगी के चक्कर में फास्ट फूड, पैक्ट फूड को खाकर अपने जीवन को व्यतीत कर रहे हैं. उल्टा सीधा खाने की वजह से ज्यादातर लोग ओवरवेट की समस्या से जूझ रहे हैं. जानकारी के अनुसार दुनियाभर के 150 करोड़ लोग मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं. और अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ साल बाद 50 करोड़ ज़्यादा लोगों के साथ एक बड़ी समस्या हो सकती है, और अनुमान है कि उनका वजन औसत से भी कम रहेगा.

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कुछ शोधर्कताओं का मानना है कि अगर लोगों ने अपने खानपान की आदतों को समय रहते ठीक नहीं किया तो आने वाले 30 साल में सबमें पोषक तत्वों की भारी कमी होने की संभावना है.

चुनिंदा पॉईटंस के जरिए बताते हैं कि कैसे शुरू हुआ अनहेल्दी फूड खाने का ट्रेंड

1. वैज्ञानिकों का मानना है कि साल 1965 में लोगो ने पहलीबार अपने खानपान में बदलाव किया था. इस वर्ष सबसे ज्यादा लोगों ने खाने में प्रोसेस्ड फूड, हाई प्रोटीन नॉनवेज, अधिक शक्कर वाले फूड और कार्बोहाइड्रेट को शामिल किया था.

2. कहते हैं कि जो समय के साथ चलता है वह कभी जीवन में हारता नहीं है. और जो समय से तेज चलते हैं उन्हें दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है. इस साल लोगों ने कई एक्सपेरिमेंट किए. खाने की चीज़ों को उगाने की बजाय मैन्यूफैक्चरिंग पर ज्यादा समय व्यतीत करने लगे.

3. प्रोसेस्ड फूड, अर्थात मशीनरी फूड का आयात तेजी से होने लगा, क्योंकि इस प्रकार के फूड को कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है इसलिए इसे प्रोसेस्ड फूड कहते हैं.

4. जानकारी के अनुसार साल 2010 तक, 29 प्रतिशत लोग ओवरवेट की समस्या की गिरफ्त में आ गए थे. और लगभग 9 प्रतिशत लोग मोटापे से परेशान हो रहे थे.

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देखिए मॉर्डन बनने में कोई बुराई नहीं है. पर अगर आप बरसों से चली आ रही परंपरा के साथ खिलवाड़ करेंगे तो समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. अर्थात् आप साधारण आहार खाएं, फल खाएं, हरी सब्जी खाएं और अपने जीवन को मस्त बनाएं.