जीवन के कुछ नियम संयम होते हैं. यदि इंसान स्वस्थ जीवन चाहता है तो उसे प्रकृति के कायदे के हिसाब अपनी जीवन शैली बनाना चाहिए. शास्त्रों में भी लिखा है, जो लोग सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं, उनका जीवन ही अलग होता है. सुबह उठना यानि पूरे दिन शरीर में ताजगी और स्फूर्ति का रहना. और यदि कोई सुबह देर तक सोता है तो उसे दिन भर थकान, आलस और काम में नहीं लगने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. लेकिन आजकल की शहरी जीवनशैली में देर तक जागना और देर तक सोना आम बात हो गईं हैं. लोगों का रूटीन जीवन पूरी तरह बदल गया है. दोपहर से लेकर रात तक के खाने के नियम पूरी तरह बदल चुके हैं. जहाँ दिन का खाना 2 से तीन बजे के बीच खाया जाता है, तो रात में 10 से 12 बजे के बीच लोग खाना खाते हैं. फिर जाकर बिस्तर पर लेट जाना, तो फिर कैसे जल्दी नींद खुलेगी, और कैसे खाना सही तरीके से पचेगा. फिर भी कुछ ऐसे नियम हैं जिन्हें अपनाने से जीवन शैली में बदलाव किया जा सकता है.
रोज सुबह उठ कर तांबे के लोटे में रखा हुआ पानी पीना चाहिए, रात को तांबे के बर्तन में पानी भर कर रख देना चाहिए और सुबह उठकर वो पानी पीकर दिन कि शुरुआत करना चाहिए. जिससे पेट से जुड़ी बीमारियाँ दूर हो जाएगी, पर ये सब डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए. इसके अलावा लम्बे समय तक स्वस्थ और जवान बने रहने के लिए योग और ध्यान हर रोज करना चाहिए, जिससे आप सभी प्रकार की बीमारियों से दूर रहते हैं. योग से शरीर को रोगों से लड़ने में काफी मदद मिलेगी. योग के साथ ध्यान करने से काम करने के लिए ऊर्जा मिलती है. और एकाग्रता बढ़ती है. इस तरह यदि दिनचर्या को नियमित किया जाए तो जीवन में काफी बदलाव तो आ ही जाते हैं, उसके अलावा ऊर्जा के साथ काम करने से सफलता के रास्ते भी खुल जाते हैं.