ड्रग्स के खिलाफ काम करने वाली भारत की बेटी गीतांजलि राव पहली किड ऑफ द इयर चुनी गईं..

दुनिया में जहाँ जहाँ भारत या भारतीय मूल के लोग रहते हैं, वो अपनी उपलब्धियों से इस देश काम रोशन करते हैं. चाहे वो गूगल के सीईओ सुन्दर पिचाई हों, या अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद के लिए हाल ही में चुनी गईं पहली महिला कमला हैरिस, जो भारतीय मूल कीं हैं. और एक बार फिर से यही कमाल हुआ है. अमेरिका की टाइम मैगजीन ने पहली बार अपने कवर पर किसी बच्चे को जगह दी है. इसके लिए पांच हजार नॉमिनेशन में से भारतवंशी गीतांजलि राव को चुना गया. उन्हें किड ऑफ द इयर घोषित किया गया है.

ImageSource

भारतीय मूल की अमेरिकी गीतांजलि राव को दुनिया की जानी मानी टाइम मैगजीन ने किड ऑफ द इयर चुना है. गीतांजलि महज 15 साल की हैं, लेकिन उन्होंने साइंस से जुड़ी कामयाबियां हासिल की हैं. टाइम मैगजीन ने गीतांजलि को साइंटिस्ट और इनवेंटर बताया है. मैगजीन ने पहली बार इस कैटेगरी में किसी को चुना है.

टाइम के मुताबिक, गीतांजलि ने पीने के पानी में प्रदूषण रोकने, अफीम की लत छुड़ाने और साइबर बुलींग रोकने के लिए शानदार काम किया है. इसलिए मैगजीन ने अपने कवर पेज पर उन्हें जगह दी है. उन्होंने इन समस्याओं को दूर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐप और क्रोम एक्सटेंशन तैयार किए हैं.

मैगजीन को पहले किड ऑफ द इयर के लिए 5 हजार से ज्यादा नॉमिनेशन मिले थे. लेकिन गीतांजलि ने साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपनी शानदार रिसर्च के दम पर हजारों बच्चों को पछाड़कर ये अवॉर्ड अपने नाम कर लिया. गीतांजलि को ये अवॉर्ड दूषित पेयजल और साइबर बुलिंग के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के बेहतरीन इस्तेमाल के लिए दिया गया है.

ImageSource

टाइम मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में गीतांजलि ने कहा है, कि हमारी जेनरेशन कई ऐसी परेशानियों से जूझ रही है, जो पहले कभी नजर नहीं आईं. पुरानी समस्याएं भी कायम हैं. एक ओर हम महामारी का सामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर मानवाधिकार से जुड़ी समस्याएं भी हैं. क्लाइमेट चेंज और साइबर बुलींग जैसी समस्याओं को हमने पैदा नहीं किया. हालांकि, हमें तकनीक की मदद से इन्हें सुलझाना होगा.
गीतांजलि टाइम मैगजीन के कवर पर जगह पाने वाले सबसे कम उम्र की लड़की हैं.