प्राचीनकाल में विक्रमादित्य नाम के राजा हुआ करते थे. विक्रमादित्य के नाम से ही विक्रम संवत प्रचलित है. साल 2020 जो अभी चल रहा है यह साल विक्रम संवत् 2077 चल रहा है. जानकारी के अनुसार इस स्थान के राजा विक्रमादित्य से पहले भर्तृहरि हुआ करते थे. कहते हैं, कि भर्तृहरि की पत्नी पिंगला ने उन्हें धोखा दिया था. इससे भर्तृहरि दुखी हुए और फिर उन्होंने अपने राजपाट को त्यागकर सभी तरह के मोह से खुद को अलग कर संन्यास ले लिया. उसके बाद विक्रमादित्य को उज्जैन का सम्राट बना दिया गया.
आपको बता दें कि भर्तृहरि ने तीन ग्रथों की रचनाएं की थी. उनके नाम इस प्रकार है:-
1. नीति शतकम्,
2. वैराग्य शतकम्,
3. श्रृंगारशतक
भर्तृहरि ने जिन ग्रथों की रचनाएं की हैं उनमें अच्छे दोस्त के विषय पर वर्णन किया गया है. वे कुछ इस प्रकार हैं-
1. अच्छा दोस्त आपको प्रेरित करता है, निराश नहीं:
किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए भरपूर आत्विश्वास की ज़रूरत पड़ती है. एक सच्चा दोस्त आपको प्रेरित कर आपके विश्वास को डगमगाने नहीं देता. और यदि लक्ष्य हासिल करने में विफल भी हो जाएं तो एक अच्छा दोस्त उस समय आपके साथ खड़ा रहता है.
2. सच्चा दोस्त कमजोरी बताता है:
तारीफ सुनना किसे अच्छा नहीं लगता. पर एक सच्चा मित्र आपको आपकी गलती पर टोकता भी है और सही मार्ग पर भी लाता है, जिससे आपसे फिर वही गलती न हो. मनुष्य का जीवन है तो गलती करना स्वभाविक है.. इसलिए गलती करना गलत बात नहीं है पर एक ही गलती को बार बार दोहरना मूर्खता के बराबर है. एक सच्चा दोस्त आपकी झूठी तारीफ नहीं करता, सही बात बता कर आपको सही राह दिखाता है.
3– प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं होती:
अच्छे और सच्चे दोस्त आपस में प्रतिस्पर्धा की भावना नहीं रखते. वो आपके साथ चलते हुए खुद को और आपको सफलता के शिखर पर ले जाने की पूरी ईमानदारी से कोशिश अवश्य करते हैं.
4. आपकी बाते किसी और के साथ शेयर नहीं करते:
एक अच्छा मित्र आपकी बातों को गोपनीय रखता है. दूसरों के साथ साझा नहीं करता.
5. दूसरों के सामने बुराई नहीं करता:
अच्छा मित्र भले आपको आपके मुँह पर कड़वी बातें करता हो. पर दूसरों के समक्ष आपकी बुराई नहीं करता.