अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बन रहा है. तैयारी तो उसी वक़्त से हो चुकी थी, जब बीते 5 अगस्त को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था. अब एक एक करके सभी काम हो रहे हैं, लेकिन कदम कदम पर गुणवत्ता की परख भी हो रही है. आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने 11 सितंबर को राम मंदिर के लिए नींव के खंभों की जांच के लिए पाइलिंग का काम शुरू कर दिया था. मंदिर की नींव तैयार करने के लिए सतह से करीब 100 फीट नीचे करीब 1,200 खंभे खड़े किए जाएंगे. यानी कि 1200 खंभों को 100 फीट गहराई में लगाया जाना है. इसके पहले 1 पिलर को बनाकर उसकी मजबूती और सुरक्षा को परखा जाता है. तकनीकी आधार पर इस प्रक्रिया को पाइलिंग कहा जाता है. मंदिर ट्रस्ट ने 11 सितंबर को मंदिर के लिए आधार स्तंभों की टेस्टिंग के लिए पाइलिंग का काम शुरू किया था. सभी की टेस्टिंग खत्म होने के बाद करीब 15 अक्टूबर से बाकी खंभे खड़े कर दिए जाएंगे. ये सभी काम बड़े बड़े विशेषज्ञों की देखरेख में हो रहे हैं और इसके लिए देश की नामी गिरामी कम्पनियां काम कर रहीं हैं.
जानकारी के अनुसार यदि सभी काम तय समय के अनुसार हुए तो नवरात्रि के पहले दिन से श्रीराम मंदिर के निर्माण का श्रीगणेश हो जायेगा. इस नवरात्रि से मंदिर के नींव स्तंभों की स्थापना के साथ ही राम मंदिर के निर्माण काम शुरू हो जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा, तब तक खंभों का परीक्षण कार्य संपन्न हो जाएगा.
जानकारी के मुताबिक वर्षों से प्रतीक्षित श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य नवरात्रि के पहले दिन यानी 17 अक्टूबर से शुरु हो जाएगा. इस मामले में महंत कमल दास ने कहा- नवरात्रि को बहुत पवित्र माना जाता है इस कारण इस शुभ त्यौहार के मौके पर मंदिर का निर्माण शुरु करने का मौका नहीं चूकना चाहिए. लार्सन एंड टर्बों के देख-रेख में चल रही मंदिर की नींव के 12 खंभो की टेस्टिंग अक्टूबर के मध्य तक खत्म हो जाएगी. जिसके बाद आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञ अयोध्या आएंगे और टेस्टिंग के अंतिम चरण को पूरा करेंगे.