कहते हैं कि, काबिलियत किसी की मोहताज नहीं होती. भारत देश के छोटे छोटे सरकारी स्कूलों में पढ़कर लोगों ने देश और दुनिया में नाम रोशन किया है, और कई सरकारी और निजी कम्पनियों में अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है. आज प्राइवेट स्कूलों का बोलबाला है. लोग अपनी क्षमता से अधिक फीस दे रहे हैं ताकि उनके बच्चे को अच्छा भविष्य मिले. सरकारों ने सरकारी शिक्षा को लेकर ऐसी उदासीनता दिखाई है कि सरकारी स्कूलों की केवल बदहाली की खबरें सुनाई देती हैं. लेकिन इसी बीच सफलता की ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं जो सिस्टम में भरोसा जिंदा करती हैं. ImageSource
ऐसी ही एक कहानी है पूर्णिया के आदित्य सिद्धांत की. आदित्य सिद्धांत की प्रारंभिक पढ़ाई भवानीपुर के सरकारी स्कूल में हुई थी. इनका परिवार मूलरूप से कटिहार का रहने वाला है. प्लस टू की पढ़ाई आदित्य ने कटिहार के स्कॉटिश स्कूल से की. उसके बाद उन्हें गुवाहाटी आईआईटी में प्रवेश मिला. सिद्धांत ने आईआईटी की परीक्षा ऐसी स्थिति में पास की थी, जब उनकी तबीयत काफी खराब थी. आदित्य के पिता एडीएम हैं. आदित्य ने आईआईटी गुवाहाटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद पिट्सबर्ग की यूनिवर्सिटी से मास्ट किया. आदित्य सिद्धांत को दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी इंटरनेट कंपनी गूगल ने 2.3 करोड़ के पैकेज वाली नौकरी ऑफर की. वैसे तो आदित्य को माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और फेसबुक जैसी बड़ी ग्लोबल कंपनियों से भी नौकरी के ऑफर आए, लेकिन गूगल का ऑफर सबपर भारी पड़ गया.
आदित्य की प्रतिभा केवल बड़े पैकेज वाली नौकरी पाने तक ही सीमित नहीं रही है. उन्हें ढेर सारे अवॉर्ड और पुरस्कार भी मिल चुके हैं. आदित्य को माइक्रोसॉफ्ट ने रिसर्च अवॉर्ड दिया है और उन्हें अमेरिका एक्सप्रेस एनलाइज अवॉर्ड भी मिल चुका है. उनका सपना कंप्यूटर साइंस में देश का नाम दुनिया भर में रोशन करने का है.