एक हज़ार साल से भी ज़्यादा पुराना है यह अद्भुत और ऐतिहासिक मंदिर

कितना आश्चर्य होता है ये सुनकर कि, आखिर कोई एक ही रात में कैसे भव्य मंदिर बना सकता है, लेकिन ये भारत भूमि है, यहाँ आध्यात्म है, धर्म है, हुनर है, और चमत्कार हैं. महाराष्ट्र के कोंकण में एक ऐसा शिव मंदिर है, कहते हैं इसे पांडवों ने बनाया था. स्थानीय लोगों के अनुसार, ये प्राचीन हिन्दू मंदिर पांडवों के ही समय का है, और महाराष्ट्र के कोंकण प्रान्त के अंतर्गत आने वाले अम्बरनाथ में स्थित है.

इस मंदिर को अम्बेश्वर मंदिर कहा जाता है. हालांकि मंदिर में मिले शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण राजा मांबणि ने करवाया था. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा सांस्कृतिक विरासत के रूप में घोषित किया गया है. इस मंदिर की शिल्पकला बहुत अद्भुत है. मंदिर में बनी मुख्य मूर्ति शिवजी और पारवती जी के स्वरुप का प्रतीक है. भगवान शिव सी मंदिर में नृत्य की मुद्रा में खड़े हैं. चारों ओर से घने वृक्षों से घिरा ये मंदिर प्रकृति और मानव निर्मित कृति का अनोखा स्वरुप है. कहते हैं कि, 11वीं सदी में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था. पर वास्तविक मंदिर को पांडवों द्वारा बनाया गया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान काफी कठिन समय बिताया था. और उसी समय एक ही पत्थर से एक ही रात में उन्होंने इस मंदिर को बनवा दिया था. लेकिन उसके बाद कौरवों द्वारा जो लगातार उनका पीछा किया किया जा रहा था, उसके भय से पांडवों को बहुत जल्दी यह स्थान छोड़कर जाना पड़ा था.

इस मंदिर के आसपास का दृश्य काफी खूबसूरत है. यहाँ गर्म पानी का एक कुंड भी है. मंदिर में बहुत सुन्दर नक्काशी है. मंदिर के बाहरी हिस्से में देवी देवताओं की बहुत सुन्दर मूर्तिया हैं, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है. पौराणिक कथाओं को दर्शाने वालीं बहुत सारीं कहानियां इस इस नक्काशी के माध्यम से दिखाई गईं है. जिनमें पार्वती विवाह, नरसिंह अवतार, नटराज, महाकाली आदि की कहानियों को सुन्दर तरीके से दर्शाया गया है.