“पहला सुख है निरोगी काया, दूजा सुख है घर में माया..” ये वो कहावत है जो हम सब बचपन से सुनते हुए आये हैं. स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण और लंबे समय तक रहने वाला धन है. लेकिन दुर्भाग्य से, हम में से अधिकांश भौतिकवादी धन अर्जित करने की दौड़ में इसे अनदेखा करते रहते हैं. यदि हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तो हम अपने द्वारा एकत्रित किए गए भौतिकवादी धन का भी आनंद नहीं ले पाएंगे.
जब तक कोई व्यक्ति स्वस्थ नहीं होता, तब तक उसके लिए मुश्किल होता है कि किसी भी चीज़ का आनंद लेना. सीधे शब्दों में कहें तो पैसे या चीजों से ही व्यक्ति समृद्ध नहीं बनाता, अच्छे स्वास्थ्य से व्यक्ति समृद्ध बनता है.
इसका तात्पर्य यह है कि अच्छा स्वास्थ्य होने से व्यक्ति अपने वेल्थ का सही उपयोग कर पाता है, और अच्छा स्वास्थ्य न होने से सारे के सारे पैसे दवा या इलाज में लग जाते है. जिस धन को आप मेहनत व लगन से कमाते है वे अगर अस्पताल में जा रहे हैं तो भला इतनी मेहनत किस काम की.
महत्वपूर्ण बातें
खुशी के दो मुख्य तत्व हैं स्वास्थ्य और प्यार. दुनिया में सबसे खुशहाल लोग वही हैं जो अपने शरीर का बहुत अच्छे से ध्यान रखते हैं या यूँ कहें कि जो स्वस्थ हैं. और जिस तरह का माहौल इस समय चल रहा है ऐसे में यह साफ देखा जा सकता है कि आजकल सभी वर्ग अपने शरीर का अच्छे से ध्यान रख रहे हैं. देखा जाए तो कोरोना ने एक आदत तो सब को लगा दी है और वह है व्यायाम या कसरत करने की.
जो लोग बीमार हैं या किसी भी कारण से उनका स्वास्थ्य खराब है तो उन्हें मानसिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के साथ अपनी स्थिति कि बेहतर करने के लिए अधिक प्रयास करना चाहिए. जैसे कि अच्छा खाना खाएं, तेल से बनी चीज़ों का सेवन न करें. कभी -कभी ठीक है लेकिन कभी-कभी हो तो ही अच्छा है.
इस आधुनिक दुनिया में आपको बहुत से ऐसे भी लोग मिलेंगे, जिनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है पर फिर भी डर, अनावश्यक प्रेशर है व डिप्रेशन है. किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त होने की वजह से वे स्वस्थ नहीं है. इस वजह से जिदगी में कई पेंच है. जिंदगी की परेशानी को दूर करने के लिए सबसे पहले शरीर को स्वस्थ रखें और एक मूलमंत्र जीवन भर याद रखें. “हेल्थ इज़ वेल्थ” .