हैदराबाद की ये छात्रा है भारत की पहली माइक्रो आर्टिस्ट, चावल के दानों पर लिख दी भगवतगीता

लगन, जुनून, और हुनर इन तीनों का संगम हो जाए तो फिर कमाल तो होता ही है. ऐसा ही कुछ हुआ है हैदराबाद में. तेलंगाना के इस शहर की रहने वाली एक छात्रा ने चावल के दानों पर भगवतगीता लिखकर रिकॉर्ड कायम कर दिया है. हैदराबाद की एक लॉ स्टूडेंट रामागिरी स्वरिका ने 4,042 चावल के दानों पर पूरी भगवद् गीता लिख दी है. इस छात्रा के अनुसार वह देश की पहली महिला माइक्रो-आर्टिस्ट है. इस छात्रा ने अपना हालिया माइक्रो आर्ट प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसमें उसने 4,042 चावल के दानों पर पूरी भगवद् गीता लिखी है. माइक्रो आर्टिस्ट के तौर पर रामागिरी ने इस काम को प्रोजेक्ट के तौर पर पूरा किया है, और इस काम में उन्हें पूरे 150 घंटे का समय लगा है. रामागिरी ने अब तक 2 हजार से ज्यादा माइक्रो आर्टवर्क बनाएं हैं. वह मिल्क आर्ट, पेपर कार्विंग, तिल के बीज पर ड्रॉइंग भी करती हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें साल 2017 में अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया गया था. रामगिरी अभी लॉ की छात्रा हैं और जज बनना चाहती हैं.

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कमाल की बात ये है कि, इससे पहले भी रामागिरी स्वारिका ने बालों पर संविधान की प्रस्तावना लिखी थी, जिसके लिए उन्हें तेलंगाना के गवर्नर द्वारा सम्मानित किया गया था. संगीत में रूचि रखने वाली रामागिरी को बचपन से लेकर अब तक कई पुरस्कारों से नवाज़ा जा चुका है. उन्होंने पिछले चार साल से चावल के दाने पर भगवान गणेश के चित्र के साथ माइक्रो आर्ट करना शुरू किया था. फिर एक ही चावल के दाने पर अंग्रेजी वर्णमाला भी लिखी थी. साल 2019 में रामागिरी को दिल्ली सांस्कृतिक अकादमी से राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उन्हें भारत की पहली माइक्रो आर्टिस्ट के रूप में मान्यता दी गई.