निर्माता निर्देशक रामानंद सागर ने धारावाहिक रामायण बनाकर टेलीविज़न की दुनियां में एक इतिहास तो बनाया ही, इसके साथ ही इस धारावाहिक में काम करने वाले सभी कलाकार भी दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहे. उन्हीं में से एक किरदार था मेघनाद का, जिसकी गर्जना से लंका का दरबार दहल जाता था, वो मेघनाद जिसे इन्द्रजीत के नाम जाना जाता था, रावन का ऐसा वीर पुत्र, जिसने शक्ति के प्रहार से श्रीराम के अनुज, लक्ष्मण को मूर्छित करके युद्ध का रुख बदल दिया था|ImageSource
धारावाहिक रामायण में मेघनाद के इस किरदार को निभाया था, अभिनेता विजय अरोरा ने. 1971 में फिल्म एंड टेलीविज़न संस्थान, पुणे से अभिनय का प्रशिक्षण लेकर विजय अरोरा ने फिल्म ‘‘ज़रूरत’’ से हीरो के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया, फ़िर अगले दो साल में उनकी कुछ और भी फ़िल्में आई, पर उन्हें बड़ी पहचान मिली 1973 में आई फिल्म ‘यादों की बरात’ से. इस फिल्म ने उनके कैरियर को बुलन्दी पर पहुंचा दिया, और विजय अरोरा उस दौर के सबसे ज्यादा चर्चित अभिनेता बन गए. इसी फिल्म में अभिनेत्री जीनत अमान के साथ उन पर एक खूबसूरत रोमांटिक गाना फिल्माया गया, जो उस वक़्त से लेकर आज तक बहुत बड़ा हिट गीत है, और इस गाने के बोल हैं, ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को, नज़र नहीं चुराना सनम..’|
उसके बाद अभिनेता विजय अरोरा की और भी कुछ फ़िल्में आई, पर ज्यादा चली नहीं, और वो भी उन दिनों किस ऐसे किरदार की तलाश कर रहे थे, जिससे उन्हें एक अभिनेता के तौर पर बड़ी पहचान मिले. उसी दौरान निर्माता निर्देशक रामानन्द सागर ने धारावाहिक रामायण के लिए विजय अरोराजी से मेघनाद का किरदार करने के लिए कहा, अभिनेता विजय अरोरा को, उस किरदार में एक अभिनेता के तौर पर इतनी संभावनाएं नज़र आयीं कि, उन्होंने बिना एक पल सोचे उसके लिए हाँ कर दी| और उसके बाद उन्हें जो प्रसिद्धि मिली, उसके बारे में सब जानते हैं. विजय अरोरा उस धारावाहिक में जब अपने संवाद बोलते तो ऐसा लगता जैसे लंका का दरबार थर्रा गया है. और वही एक अभिनेता की उपलब्धि होती है. जब वो अपने काम से पहचाना जाता है.ImageSource
फरवरी 2007 में महज 62 वर्ष की उम्र में अभिनेता विजय अरोराजी हम सबको छोड़कर इस दुनिया से विदा हो गए, लेकिन एक बेहतरीन अभिनेता के तौर पर निभाए गए अपने किरदारों के ज़रिये, वो हमेशा हम सबके दिलों में जिंदा रहेंगे.