साल 2021 का दूसरा महीना (फरवरी) शुरु हो गया है. और इस महीने त्योहार भी बहुत सारे हैं. ऐसे में आप इस वर्ष त्योहार ज़रूर बनाएं. पिछले साल कोरोना महामारी के चलते ज़्यादातर त्योहारों का असर फीका ही रहा, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्तव वाली सरकार की मेहनत से कोरोना वैक्सीन आ गई है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि इस वर्ष सभी त्योहारों को अच्छे से मनाया जाएगा. सनातन धर्म के जानकार बताते हैं कि हिंदू धर्म में सभी त्योहारों की विधिवत तरीके से मनाने से सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं. जानकारी के अनुसार इस महीने कई त्योहार हैं. उनके नाम और तारीखें इस प्रकार है.
1. 11 फरवरी: मौनी अमावस्या
इस दिन मौनी अमावस्या है. मौनी शब्द से आपने इंतना अंदाजा तो लगा ही लिया होगा कि मौन (मतलब बिना बोले रहना) इस दिन हो सके तो व्यक्ति को बिना बोले रहना चाहिए. और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना लाभदायक होता है.
सनातन धर्म के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस माघ महीने में अगर आप दान-पुण्य जैसे कार्य करते हैं तो आपके पूर्वज आपसे बहुत खुश होते हैं. और आपको लंबी आयु का आशीर्वाद देते हैं.
2. 12 फरवरी को गुप्त नवरात्र
गुप्त नवरात्र में काली माता की गुप्त रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. इस नवरात्रि में नौ दिनों में दुर्गासप्तशती और सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करना बेहद उत्तम माना जाता है. और फिर नवे दिन कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा देनी चाहिए. ऐसा करने से काली माँ खुश होती है और आपको हर कष्ट से दूर करती हैं.
3. 16 फरवरी को बसंत पंचमी
बसंत पंचमी का पावन पर्व इस साल 16 फरवरी को मनाया जाएगा. प्रति वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है. 16 फरवरी को ब्रह्म मुहूर्त से कुछ मिनट पहले यानी 3 बजकर 36 मिनट से लेकर 17 फरवरी 2021 के ब्रह्म मुहूर्त (05 बजकर 46 मिनट) तक रहेगा. मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी से वातावरण में बदलाव आता है और इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है.
4. 23 फरवरी: जया एकादशी
इस वर्ष जया एकदाशी 23 फरवरी यानी मंगलवार के दिन है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं. पूजा करते समय भगवान विष्णु जी को पुष्प, जल, अक्षत, रोली तथा विशिष्ट सुगंधित पदार्थ अर्पित करना शुभ माना जाता है. इस दिन अगर कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से पूजा करता है तो उसे भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता.
5. 27 फरवरी: माघ पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती
आपको बताना चाहेंगे कि माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा भी कहा जाता है. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि के अनुसार माघ स्नान जो भी करता है उस पर भगवान माधव की कृपा होती है. साथ ही उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष की प्राप्त होती है.