आज आश्विन माह की रामनवमी के साथ ही नवरात्रि के उत्सव का समापन हो जाएगा. उज्जैन के एक ज्योतिषाचार्य के अनुसार देवी दुर्गा पंचदेवों में से एक है. गणेशजी, शिवजी, विष्णुजी, सूर्यदेव और देवी दुर्गा, ये पंचदेव हैं. इनकी पूजा रोज करने से घर के सभी सदस्यों पर सभी देवताओं की कृपा बनी रहती है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का आती है. अच्छा काम या कहें शुभ कार्य करने से पहले पंचदेवों को पूजना चाहिए, इससे काम सफल होते हैं.
दुर्गा जी की पूजा करते समय कुछ खास चीजों की ज़रूरत होती है. जैसे मूर्ति को स्नान के लिए तांबे का बर्तन, लोटा, दूध, लाल वस्त्र, आभूषण, चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, अष्टगंध, फूल, नारियल, फल, दूध, मिठाई, पंचामृत, सूखे मेवे, शक्कर, पान, दक्षिणा आदि। दूध, दही, घी, शहद, शक्कर मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है. जिसे सभी भक्तों को देने से पहले दुर्गा मां को भोग लगाना चाहिए.
जैसा कि आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में जब अच्छे कार्य की शुरूआत होती है या कोई पूजा होती है तो सबसे पहले भगवान गणेश को पूजा जाता है. वैसे ही मां दुर्गा की पूजा शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करें. माता जी के साथ शिवजी का भी ध्यान करें. माता दुर्गा की पूजा करने के बाद “दुं दुर्गायै नमः” का 108 बार जाप करें. पूजा मे धूप व दीपक जलाएं. लाल फूल, गुलाब, कपड़े, नारियल का भोग लगाना चाहिए. पूजा खत्म होने के बाद परिक्रमा लगाएं और मन पूर्वक प्रसाद को ग्रहण करना चाहिए. और फिर “जय माता दी” के जयकारा लगाएं. आखिर में पूजा करने के दौरान अगर कुछ गलतियां हुई है तो माता जी से क्षमा मांग लें.