भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हर साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूम-धाम से मनाई जाती हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दरबार में पहुंचते हैं। हालांकि इस बार कोरोना संकट के कारण श्रद्धालुओं को मंदिरों में पूजा-आरती नहीं करने दी जा रही हैं। ऐसे में इस्कॉन इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अब तक का सबसे बड़ा वर्चुअल सेलिब्रेशन करने जा रहा है। यह पहली बार होगा जब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर वर्चुअल सेलिब्रेशन होगा। इससे श्रद्धालु अपने घरों में रहकर ही भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन और भजन-पूजन करेंगे। साथ ही देश-विदेश में होने वाली अलग-अलग प्रस्तुतियों का भी आनंद ले पाएंगे।ImageSource
यह भव्य वर्चुअल सेलिब्रेशन 11 और 12 अगस्त को होगा. इन दो दिनों तक इस्कॉन बेंगलुरु के साथ पांच देशों के 15 श्रीकृष्ण मंदिर जुड़े हुए रहेंगे। 15 श्रीकृष्ण मंदिर में होने वाले श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को इस्कॉन बेंगलुरु एक साथ ऑनलाइन जोड़कर दिखाएगा। जन्मोत्सव कार्यक्रम इस्कॉन की ऑफिशियल वेबसाइट सहित यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया वेबसाइट पर दो दिन तक टीवी की तरह लाइव चलेगा। कार्यक्रम को एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं तक पहुंचाने की योजना है। वर्चुअल सेलिब्रेशन कार्यक्रम का फायदा यह होगा कि श्रद्धालुओं घर बैठे ही कृष्णभक्ति का आनंद ले सकेंगे। साथ ही विदेशों में बैठे लोग भारतियों की प्रस्तुतियों को जबकि भारत में बैठे लोग विदेशी श्रद्धालुओं की प्रस्तुतियों को देख सकेंगे।ImageSource
बता दे कि सिर्फ इस्कॉन ही नहीं बल्कि देश में ज्यादातर जगहों पर जन्माष्टमी वर्चुअल तरीके से मनाई जाएगी। भक्त घर बैठे ही भगवान कृष्ण के दर्शन करेंगे। मथुरा और वृंदावन में भी सभी मंदिर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। मथुरा में मंदिर में होने वाले जन्मोत्स्व की सभी झाकियों का प्रसारण टीवी पर लाइव किया जाएगा। इसे श्रद्धालु घर बैठे ही पूरे कार्यक्रम को देख पाएंगे। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी होने वाली आरती में भी सिर्फ मंदिर के सेवाधिकारी ही शामिल होंगे। इनके अलावा गोकुल और नंदगांव में भी श्रद्धालु इस बार मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे। हालांकि मंदिरों के अंदर जन्मोेत्सव के सभी आयोजन होते रहेंगे।