पुराणों और शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के अब तक 10 अवतार माने जाते हैं, जिनमें से कलियुग में उनका कल्कि अवतार भी भी शेष है, लेकिन सही मायनों में 23 अवतारों को भगवान विष्णु का ही अंशावतार मानते हैं. जिनमें से कुछ तो सम्पूर्ण रूप से उनके अवतार हुए तो कुछ उनके अंशावतार हुए. इन में से 23 अवतार अब तक पृथ्वी पर अवतरित हो चुके है जबकि 24 वा अवतार ‘कल्कि अवतार’ के रूप में होना बाकी है. इन 24 अवतार में से 10 अवतार विष्णु जी के मुख्य अवतार माने जाते है. यह है मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार. कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार और कल्कि अवतार. लेकिन इन दस अवतारों के साथ भगवान् विष्णु ने जो अलग अलग अंशावतार लिए, उनके प्रमुख अवतारों के साथ उनके नाम इस प्रकार हैं.
1- श्री सनकादि मुनि
2- वराह अवतार
3- नारद अवतार
4- नर-नारायण
5- कपिल मुनि
6- दत्तात्रेय अवतार
7- यज्ञ
8- भगवान ऋषभदेव
9- आदिराज पृथु
10- मत्स्य अवतार
11- कूर्म अवतार
12- भगवान धन्वन्तरि
13- मोहिनी अवतार
14- भगवान नृसिंह
15- वामन अवतार
16- हयग्रीव अवतार
17- श्रीहरि अवतार
18- परशुराम अवतार
19- महर्षि वेदव्यास
20- हंस अवतार
21- श्रीराम अवतार
22- श्रीकृष्ण अवतार
23- बुद्ध अवतार
ये सभी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं, एक और जिसे चौबीसवा अवतार कहा गया है, वह कलियुग में उनका कल्कि अवतार होगा.
धर्म ग्रंथों के अनुसार कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे. कल्कि अवतार कलियुग व सतयुग के संधिकाल में होगा. यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा. और फिर एक बार स्वयं श्रीहरि भगवान पापियों का विनाश करेंगे और धर्म की पुन:स्थापना करेंगे. हमारे धर्मग्रंथों में कहा गया है, जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब भगवान मृत्युलोक में अवतार अवश्य लेते हैं. और ये हर युग में होता रहा है.