बोद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बोद्ध ने हमें सुखी और संपन्न जीवन जीने के कई तरीके बताए हैं। उन तरीकों को अपनाकर हम जीवन को सुखमय बना सकते हैं। साथ ही भगवान बोद्ध ने हमें धर्म-अधर्म के बीच का भेद और उनके परिणाम समझाने के लिए कुछ कहानियां भी कही हैं। इन कहानियों के संग्रह को जातक कथाएँ कहा जाता है। जातक कथाओं से हमें सीखने को मिलता है कि हमें विपरीत परिस्थितियों में भी संयम से काम लेना चाहिए और सकारात्मक परिस्थितियों में। ऐसी ही एक जातक कथा है बुद्धिमान बंदर की।
जातक कथा है कि किसी समय जंगल में बुद्धिमान बंदर रहता था। वह बंदरों का राजा भी था। एक दिन वह अपने साथी बंदरों के साथ पेड़ों पर उछल-कूद करते हुए दूसरे जंगल में जा पहुंचा। इस दौरान नन्हें बंदरों को पानी की प्यास लगी। लेकिन दूसरे जंगल में होने के कारण उन्हें यह पता नहीं था कि यहां आसपास जलाशय कहाँ है। नन्हें बंदरों को प्यास से व्याकुल देख बुद्धिमान बंदर ने अपने कुछ साथी बंदरों को आदेश दिया कि वह जाकर पास में कहीं जलाशय ढूंढकर आए। अपने राजा का आदेश पाकर बंदर जलाशय ढूंढने के लिए निकल पड़े।
कुछ समय बाद जलाशय ढूंढने के लिए गए बंदर वापस आए और बुद्धिमान बंदर को बताया कि यहां पास में ही एक जलाशय है। इससे सभी बंदर खुश हो गए और उस जलाशय पर पानी पीने के लिए पहुंचे। बंदर जलाशय से पानी पीने के लिए उसके पास जाने ही वाले थे कि बुद्धिमान बंदर ने सभी को रोका और कहा कि हम इस जलाशय पर पहली बार आए हैं। इसलिए पहले हमें देखना चाहिए कि यहां कोई खतरा तो नहीं है। जब बुद्धिमान बंदर और उसके कुछ साथियों ने जलाशय के किनारों को देखा तो पता चला कि वहां कुछ ऐसे पदचिन्ह हैं जो जलाशय के अंदर जा रहे हैं, लेकिन वापस बाहर नहीं आ रहे हैं।
बुद्धिमान बंदर ने सभी बंदरों को बताया कि इस जलाशय ने ऐसा कोई जीव है जो हमें नुकसान पहुंचा सकता है। यह सुन प्यास से व्याकुल सभी बंदर हताश हो गए। अपने साथी बंदरों को हताश देख बुद्धिमान बंदर को एक उपाय सूझा। उसने बंदरों को बताया कि हमारे आसपास बहुत सारे बेंत के पेड़ हैं, जिनकी नली की मदद से हम जलाशय से दूर रहकर ही पानी पी सकते हैं। सभी बंदरों को यह उपाय पसंद आया और उन्होंने बेंत के पेड़ से नली तोड़कर बिना जलाशय के पास जाए ही पानी पी लिया। वहीं बंदरों को खाने के लिए जलाशय में बैठा जीव उन्हें देखता ही रह गया। इस तरह बुद्धिमान बंदर ने अपनी बुद्धि से अपनी और अपने साथी बंदरों की जान बचाई।