आज मनाई जा रही है कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानकदेव की जयंती

त्योहारों के देश भारत में हर त्यौहार को एक उत्सव की तरह जिया जाता है. त्योहारों में इस धरती की जीवन शैली और संस्कृति दिखाई देती है. भी हाल ही में , नवरात्रि, दशहरा, दीवाली, जैसे बड़े त्यौहार संपन्न हुए और आज 19 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जा रही है. इस त्यौहार का विशेष धार्मिक महत्त्व है. और आज के दिन लोग वाराणसी और हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं, तो वहीँ अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के पावन सरोवर में भी डुबकी लगाते हैं.

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हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. दीवाली के पंद्रह दिन बाद देव दीपावली मनाये जाने के कारण इस दिन का विशेष महत्त्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवलोक से सभी देवता वाराणसी यानि महाकाल की नगरी काशी में पधारते हैं. इसलिए कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को काशी में बहुत साज-सज्जा की जाती है.

देव दीवाली 2021 तिथि मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर 2021 गुरूवार दोपहर 12 बजे से शुरू होकर 19 नवंबर 2021, शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी. देव दीपावली पर भी प्रदोष काल में पूजा की जाती है। इस बार देव दीपावली पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त  18 नवंबर को संध्या के समय 05.09 बजे से लेकर 07.47 बजे तक है.

पूजा की अवधी 2 घंटे 38 मिनट रहेगी.

मान्यता है, कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर आम के पत्तों और फूलों की तोरण लगाएं. रंगोली बनाएं और सत्यनारायण की कथा करें. इससे भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और आपके घर में धन- धान्य बना रहता है.

गुरु नानक जयंती

हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को गुरुनानक जयंती भी मनाई जाती है. गुरुनानक देव जी सिखों के प्रथम गुरु हैं. गुरुनानक देव जी का ज्यादातर समय चिंतन औऱ सत्संग में ही बीतता था. बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति की वजह से तीस वर्ष की आयु तक उनका ज्ञान बहुत परिपक्व हो गया था, और वो जगह-जगह जाकर लोगों के उपदेश देते थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई में लगा दिया. और उन्होंने ही सिख धर्म की शुरुआत की थी.